केन्द्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला ने आज छत्तीसगढ और उत्तर प्रदेश में कोविड-19 की वर्तमान स्थिति के बारे में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। दोनों ही राज्यों में कोविड संक्रमण के तेजी से बढने और मृत्यु दर में वृद्धि होने की खबर है। छत्तीसगढ और उत्तर प्रदेश के साथ महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है जहां एक लाख से अधिक सक्रिय मामले हैं। छत्तीसगढ में एक सप्ताह में कोविड के करीब छह दशमलव दो प्रतिशत नए मामले बढे हैं। उत्तर प्रदेश में रोजाना 19 दशमलव दो-पांच प्रतिशत की दर से नए मामले सामने आए हैं। उत्तर प्रदेश के 46 जिलों में पिछले तीस दिनों में सबसे अधिक मामलों की पुष्टि हुई है। इनमें लखनऊ, कानपुर, वाराणसी और प्रयागराज सबसे अधिक प्रभावित जिले हैं।
अस्पतालों में आईसीयू और ऑक्सीजन वाले बिस्तरों की कमी से उत्पन्न स्थिति के बारे में भी बैठक में चर्चा की गई। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे आइसोलेशन वाले बिस्तरों, ऑक्सीजन के साथ वाले बिस्तरों, वेंटीलेटर्स, आईसीयू बिस्तरों और एम्बुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था करें। इन राज्यों से कहा गया है कि वे सक्रिय मामलों की पहचान कर उपचार संबंधी राष्ट्रीय नियमों का पालन करके मृत्यु दर कम करने पर ध्यान दें।
केन्द्रीय स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि राज्यों को ऑक्सीजन सिलेंडर और अतिरिक्त वेंटिलेटर बहुत जल्द उपलब्ध करा दिए जाएंगे। केन्द्र सरकार ने उन 12 राज्यों से, जहां रोजाना नए मामले बढ रहे हैं वहां ऑक्सीजन के उत्पादन सूत्रों के बारे में बातचीत की है। राज्यों से कहा गया है कि वे कोविड-19 के लिए विशेष बिस्तरों की संख्या बढाएं और अस्पताल परिसर में उपलब्ध भवनों में अतिरिक्त कोविड वॉर्ड बनाएं। दोनों ही राज्यों से कहा गया है कि वे सभी जिलों में कम से कम 70 प्रतिशत आरटी-पीसीआर जांच में बढोतरी करे और भीड-भाड वाले इलाकों में स्क्रिनिंग जांच के तौर पर रैपिड एंटिजेन टेस्ट का इस्तेमाल करे। इन राज्यों से यह भी कहा गया है कि वे संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए समय पर संक्रमितों की पहचान, उसकी चिकित्सा और निगरानी संबंधी गतिविधियों को बढाएं।