This post is a part of YKA’s dedicated coverage of the novel coronavirus outbreak and aims to present factual, reliable information. Read more.
UHC logoEditor’s Note: This post is a part of #HealthForAll, a campaign by WHO and Youth Ki Awaaz to advocate access to healthcare for everyone, everywhere. If you have ideas on how India ensure access to quality and affordable healthcare for all by 2030, share your opinion.

देशभर में बढ़ते वैक्सिनेशन की मांग के बाद अब सरकार की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (SEC) ने रूस की कोविड वैक्सीन Sputnik V को मंजूरी देने की सलाह दी है। जिसका फैसला अब भारत के ड्रग रेगुलेटर के हवाले है। 11, अप्रैल को न्यूज़ एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से खबर दी थी कि इस साल की तीसरी तिमाही तक भारत में Sputnik V समेत पांच और वैक्सीन आ जाएंगी। देश के कई राज्य इस समय कोरोना वैक्सीन की कमी का दावा कर रहे हैं, ऐसे में Sputnik V को मंज़ूरी मिलती है तो ये वैक्सीनेशन के लिए बूस्ट का काम करेगा।

कॉमन कोल्ड वायरस एडिनोवायरस-वेक्टर आधारित है Sputnik V

Oxford-AstraZeneca वैक्सीन की तरह ही Sputnik V भी कॉमन कोल्ड वायरस एडिनोवायरस-वेक्टर आधारित वैक्सीन है। इसमें कोरोना वायरस का स्पाइक प्रोटीन बनाने का जेनेटिक निर्देश है, जिससे ये शरीर में जाकर इम्यून प्रतिक्रिया शुरू करती है।

Sputnik V को रूस की गमालेया नेशनल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी एंड माइक्रोबायोलॉजी ने डेवलप किया है। इसके लिए रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने फंडिंग की है।

5 फार्मा कंपनियों से भारत में हुआ है वैक्सिन निर्माण पर समझौता

RDIF ने भारत की कई फार्मा कंपनियों के साथ Sputnik V के प्रोडक्शन के लिए डील की है। रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (RDIF) ने भारत में कम से कम पांच फार्मा कंपनियों से वैक्सीन प्रोडक्शन के लिए समझौता किया है। इसमें डॉ रेड्डी लैबोरेट्रीज के अलावा Hetero Biopharma (100 मिलियन डोज), Gland Pharma (252 मिलियन डोज), Stelis Biopharma (200 मिलियन डोज) और Virchow Biotech (200 मिलियन डोज) शामिल हैं।

ड्रग रेगुलेटरी से मंजूरी के बाद साबित होगा सबसे प्रभावी वैक्सिन

कुल मिलाकर भारत में Sputnik V की प्रोडक्शन क्षमता लगभग 850 मिलियन डोज सालाना की होगी। भारत में अभी दी जा रही Covishield और Covaxin की तरह ही Sputnik V की भी दो डोज लगाई जाएंगी। अगस्त, 2020 में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने Sputnik V के निर्माण का ऐलान किया था।

अब तक किए गए परीक्षण से सामने आए परिणाम के अनुरूप यदि भारत का ड्रग रेगुलेटर अगर वैक्सीन को मंज़ूरी दे देता है तो ये देश में दी जा रहीं सभी कोरोना वैक्सीनों में सबसे ज़्यादा प्रभावी होगी।

40 देशों में दिया जा रहा है Sputnik V वैक्सिन

रूस की कोरोना वैक्सीन फिलहाल 40 से ज़्यादा देशों में लोगों को दी जा रही है। इन देशों में ईरान, बहरीन, लेबनान, बेलारूस, सर्बिया, पाकिस्तान, बोलीविया, वेनेजुएला शामिल हैं। Sputnik V की कीमत पर भारत में अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, नवंबर, 2020 में RDIF ने कहा था कि इंटरनेशनल मार्केट के लिए डोज का दाम किफायती रखते हुए 10 डॉलर के करीब रखा जाएगा। भारत के हिसाब से इसका मूल्य 700-750 रुपये होता है।

Youth Ki Awaaz के बेहतरीन लेख हर हफ्ते ईमेल के ज़रिए पाने के लिए रजिस्टर करें

You must be logged in to comment.