/ / काशी के ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश, औरंगजेब ने 1664 में मंदिर को तोड़ा था

काशी के ज्ञानवापी मस्जिद के पूरे परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश, औरंगजेब ने 1664 में मंदिर को तोड़ा था

काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सीनियर डिवीज़न फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। इस मामले में अदालत ने पूरे परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने को कहा है। बता दें कि मंदिर पक्ष ने दिसंबर 2019 में पुरातात्विक सर्वे के लिए अपील की थी।

ASI ज्ञानवापी मस्जिद की भी खुदाई कर मंदिर पक्ष के दावे की प्रमाणिकता को परखेंगी। प्राचीन मूर्ति स्वयंभू आदि विशेश्वर पक्ष के वकील विजय शंकर रस्तोगी ने बताया कि कोर्ट ने केंद्र सरकार और उत्तर सरकार को पत्र के जरिए इस मामले में पुरातत्व विभाग की पांच सदस्यीय टीम बनाकर पूरे परिसर के पुरातात्विक सर्वेक्षण करने का आदेश दिया है।

ज्ञानवापी मस्जिद के पक्षकारों और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के वकीलों ने विवादित ढांचे के पुरातात्विक सर्वेक्षण कराए जाने को लेकर आपत्ति दर्ज कराई थी। मस्जिद पक्ष की दलीलों को दरकिनार कर कोर्ट ने गुरुवार को इस मामले में पुरातात्विक सर्वेक्षण के आदेश दे दिए।

बताया जाता है कि विवादित ढांचे के फर्श के नीचे 100 फीट ऊंचा आदि विशेश्वर का स्वयम्भू ज्योतिर्लिंग स्थपित है। यही नहीं विवादित ढांचे के दीवारों पर देवी देवताओं के चित्र भी प्रदर्शित है।

लगभग 2,050 साल पहले महाराजा विक्रमादित्य ने काशी विश्वनाथ मंदिर का निर्माण किया था, लेकिन मुगल सम्राट औरंगजेब ने सन 1664 में मंदिर को नष्ट कर इसके अवशेषों का इस्तेमाल मस्जिद बनाने के लिए किया था।

याचिकाकर्ता ने मंदिर की जमीन से मस्जिद को हटाने का निर्देश जारी करने का और मंदिर के ट्रस्ट को कब्जा देने का अनुरोध किया था।

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