एक बार बंता किसी काम से अपने दोस्त संता से मिलने जाता है..
कड़ी धूप में चलते चलते पसीना पसीना हो जाता है..
बंता- यार संता
ये सूरज दिन में ही क्यूँ निकलता है रात में क्यूँ नहीं निकलता..
संता- ओ पाजी,
निकलता भी होगा तो क्या पता चलेगा, अंधेरा इतना होता है
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संता को loose motion हो गये ,
डॉक्टर के पास गया…
संता – डॉक्टर साहब बहुत पतली आती है ,
खाने का भी मन नहीं करता,
डॉक्टर- ये दवाई लिख देता हूँ ,
खूब मोटी आएगी , जितना मन करे खा लेना
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एक बार संता किसी काम से अपनी बीवी के ओफिस जाता है,
वह बिना किसी की permission लिए सीधा अंदर केबिन में चला जाता है,,
वहाँ देखता है
उसकी बीवी बॉस की गोद में बैठी हुई थी,,
संता(गुस्से में)- ओये चल प्रितो,
घर चल ऐसी जगह काम नहीं करना जहाँ स्टाफ के बैठने के लिए कुर्सी भी ना हो
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