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जानिए कैसे होगा निवेशकों को फायदा
RBI Monetary Policy: आरबीआई की मौद्रिक नीति समीति (MPC) ने ब्याज दरों को बरकरार रखा है. इस फैसले के बाद एफडी निवेशकों को फायदा होगा.
बुधवार को तीन दिवसीय बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने कहा, ‘आरबीआई ने रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह 4 फीसदी की दर पर कायम है.’
कैसे मिलेगा एफडी निवेशकों को फायदा
आरबीआई द्वारा इस फैसले के बाद अब रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट क्रमश: 4 फीसदी और 3.35 फीसदी की दर पर बरकरार हैं. नीतिगत ब्याज दरों में कोई भी बदलाव नहीं होना फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) के जरिए बचत करने वालों के लिए अच्छी खबर है. बैंक आगे भी एफडी पर ब्याज दर घटाने का फैसला नहीं लेंगे. वर्तमान में एफडी पर यह बैंक 2.9 फीसदी से लेकर 5.4 फीसदी तक का ब्याज दे रहा है.यह भी पढ़ें: RBI Monetary Policy: RBI ने रेपो रेट में नहीं किया कोई बदलाव, जानें आम आदमी पर क्या पड़ेगा असर?
बैंक में पैसे जमा करने वालों पर क्या असर होगा?
नीतिगत ब्याज दरों में आरबीआई द्वारा कटौती होने के बाद बैंक भी आगामी दिनों में एफडी दरें घटा देते हैं. लेकिन, डिपॉजिट रेट में यह कटौती रेपो रेट के अनुपात में नहीं होती है. बैंक में पैसे जमाकर्ता के तौर पर देखें तो ब्याज दरें घटने का मतलब है कि अकाउंट में नये डिपॉजिट पर कम ब्याज मिलेगा. कम ब्याज मिलने का मतलब है कि जमाकर्ता के डिपॉजिट पर रिटर्न भी कम ही मिलेगा. ब्याज दर बढ़ने का मतलब है कि डिपॉजिट पर ज्यादा रिटर्न मिलेगा.
एफडी और डेट म्यूचुअल फंड के अलावा निवेशकों के पास छोटी बचत स्कीमों में निवेश करने का विकल्प है. अंतिम तिमाही समीक्षा में सरकार ने इनकी ब्याज दरों को यथावत रखा है. एफडी के विकल्प के तौर पर प्रधानमंत्री वय वंदना योजना और सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम अभी 7 फीसदी ब्याज ऑफर कर रही हैं.