आज इस समय कोरोना महामारी से पूरी दुनिया जूझ रही है। सभी देश इससे खुद के देशवसियों को बचाने मे लगे हुए हैं। हमारा देश भारत भी इसमें सबसे आगे की पंक्ति मे खड़ा है बाकी देशों के साथ किन्तु भारत में कुछ राज्यों में इसका अलग ही हाल है कि लोग इस महामारी मे भी भ्रष्टाचार का अवसर निकाल बैठे हैं।

पहला तो जहां डॉक्टर को हमने भगवान का दर्जा दिया तो कुछ डॉक्टर सच में खुद को भगवान मान बैठे और इलाज (कोरोना का अभी तक कोई पुख्ता इलाज नहीं है सिर्फ स्वयं की सुरक्षा के) के नाम पर लोगों के लाखों के बिल बना दे रहे हैं। देश में आए दिन ऐसे समाचार सुनने में आ रहे हैं कि डॉक्टर और हॉस्पिटल प्रशासन वाले मरीजों एवं उनके परिजनों को जब तक पूरा बिल ना भरें तब तक हॉस्पिटल वालों ने मरीज़ को रोक रखा या उनके परिजनों को उनकी डेड बॉडी भी नहीं ले जाने दे रहे हैं। ऐसा तो नहीं था हमारा देश तो सुदामा-कृष्ण, राम-सबरी का देश है, यहां यह सब क्या हो रहा है?

दूसरा जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां कोरोना की नोएंट्री मान ली जाती है। इसके चलते लाखों की भीड़ एकत्रित करके भाषण-रैलियां की जा रही हैं। वहां कोई उचित दूरी, मास्क की कोई ज़रूरत नहीं समझी जा रही है कि किस तरह का यह खेल खेला जा रहा है।

देश में आमजन के साथ बीमारी के नाम पर एक ही देश में दो अलग-अलग रूप हैं, इस समय महामारी के दौरान देश में जहां चुनाव हैं, वहां कोरोना नहीं है और जहां चुनाव समाप्त हो जा रहे हैं वहां फिर कोरोना आ जाता है।

Youth Ki Awaaz के बेहतरीन लेख हर हफ्ते ईमेल के ज़रिए पाने के लिए रजिस्टर करें

You must be logged in to comment.