उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शनिवार को असम के उत्कल विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह में एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि ओडिशा की आदिवासी आबादी कोविड-19 वैश्विक महामारी से व्यापक तौर पर बची रही है और उन्होनें यह भी कहा कि आदिवासी समुदाय की अनोखी आदतों, संस्कृती, खान-पान, उनके रहन-सहन और परंपराओं ने उन्हें संक्रमण से दूर रखने में मदद की है।

उन्होनें आगे कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति शोध एवं शिक्षण संस्थान की रिपोर्ट में बताया गया है कि जनजातीय लोगों में चलते वक्त एक-दूसरे से पर्याप्त दूरी बनाकर रखने की आदत होती है।

उपराष्ट्रपति ने इस दौरान देश के विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान करने वाले पांच विशिष्ट व्यक्तियों को डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान की। इनमें आरबीआइ के गवर्नर शक्तिकांत दास, सीएजी गिरीश चंद्र मुर्मू, ओडिशा हाई कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस संजू पंडा, भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर के निदेशक अजीत कुमार महांती और ओडिशा आदर्श विद्यालय संगठन के सलाहकार तथा साई इंटरनेशनल स्कूल के संस्थापक डॉ. विजय कुमार साहू शामिल हैं।

उपराष्ट्रपति ने सांसद सामंत द्वारा लिखित पुस्तक का किया लोकार्पण

उपराष्ट्रपति ने राजभवन में सांसद अच्युत सामंत द्वारा अंग्रेजी में लिखित पुस्तक ‘नीलिमारानी माई मदर, माई हीरो’ का लोकार्पण भी किया। उन्होंने कहा कि मां की आत्मकथा पहली बार देख रहा हूं। यह लोकार्पित पुस्तक स्त्रियों के लिए प्रेरणा है।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को आदिवासी समुदायों के इन सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए और उन्हें अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना चाहिए। उनकी यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है, जब शनिवार को भारत में कोविड-19 के 89,129 मामले सामने आए हैं। जो पिछले करीब साढ़े छह महीनों में सबसे ज्यादा हैं।

इसके साथ ही देशभर में अब तक कोरोना के 1.23 करोड़ मामले दर्ज किए जा चुके हैं। ओडिशा में 62 आदिवासी समुदाय हैं, जो राज्य की कुल आबादी का 23 प्रतिशत हैं। उपराष्ट्रपति ने कहा इन आदिवासी समुदायों का विकास एवं कल्याण हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। हमें उनके प्रति सम्मान एवं संवेदनशीलता दिखानी चाहिए। खुद को ऊंचा दिखाने वाला दृष्टिकोण गलत है। उन्होंने कहा सच्चाई यह है कि हमें आदिवासी समुदायों से बहुत कुछ सीखना है कि वे कैसे प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाते हुए सादा जीवन जीते हैं।

Youth Ki Awaaz के बेहतरीन लेख हर हफ्ते ईमेल के ज़रिए पाने के लिए रजिस्टर करें

You must be logged in to comment.