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कान छिदवाने की परंपरा के पीछे कई फायदे है आइए जाने

कान छिदवाना हमारे देश के संस्‍कार का एक बहुत ही अहम हिस्‍सा है। जहां सभी लड़कियां कान और नाक दोनों ही छिदवाती हैं वहीं आज कल तो पुरुष भी फैशन के कारण एक कान या दोनों कान छिदवाने से कतई पीछे नहीं हटते। लेकिन क्या आप यह जानते है की कान छिदवाने से फ़ायदे भी होते है तो आइये जानते है इन सभी फायदों के बारे में…

कान बनें स्वस्थ – जहां पर कानों को पूरी तरह छेदा जाता है, वहां पर एक प्वाइंट होता है जो साफ सुनने में हमारी बहुत मदद करता है।

लकवा से बचाव – कान छिदवाने से लकवा नामक रोग से पूरी तरह बचाव होता है।

दिमाग का विकास – कान के निचले हिस्से में एक बेहतरीन प्वाइंट होता है, जो मस्तिष्क के बाएं और दाएं गोलार्ध से पूरी तरह कनेक्ट होते हैं। जब इस प्वाइंट पर छेद किये जाते हैं तो, यह दिमाग के हिस्से को पूरी तरह एक्टिव बनाते हैं।

आंखों की रोशनी – एक्यूपंक्चर के अनुसार, कान के निचले हिस्से पर एक केंद्रीय बिंदु होता है, जहां से आंखों की नसें पूरी तरह पास होती हैं। इसी बिंदु को दबाने पर आंखों की रौशनी में बहुत अधिक सुधार होता है।

एकाग्रता बढाने में – पुराने समय में गुरुकुल जाने से पहले बच्चे की मेधा शक्ति पूरी तरह बढ़ाने और बेहतर ज्ञान अर्जित करवाने के लिये उसके कान छेदने की एक प्रथा थी। ऐसा इसलिये क्योंकि कान छिदने से ब्रेन की पावर बहुत अधिक बढती है।

पुरुषों को फायदा – पुरुषों के अंडकोष में भी कान छिदवाने से बहुत लाभ मिलता है।

तनाव से छुटकारा – एक्यूपंक्चर के अनुसार, जब कान छिदवाये जाते हैं तो, केंद्र बिंदु पर पूरी तरह दबाव पडऩे की वजह से घबराहट और मानसिक बीमारी को दूर करने में बहुत मदद मिलती है।

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