चंडीगढ़, 01 अप्रैल 2021: नाबार्ड, हरियाणा क्षेत्रीय कार्यालय अपनी स्थापना के समय से ही हरियाणा राज्य के समग्र आर्थिक व सामाजिक विकास के लिए अग्रणी भूमिका निभाता आ रहा है. देश का शीर्ष कृषि व ग्रामीण विकास बैंक होने के नाते यह राज्य के वाणिज्य बैंकों, क्षेत्रीय गामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, लघु वित्त बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म ऋण संस्थाओं आदि को कृषि और ग्रामीण विकास की सभी गतिविधियों के लिए पुनर्वित्त देने के अलावा राज्य के ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाओं के सृजन के लिए अलग से बनाए गए फण्ड्स से मदद करता आ रहा है. ग्रामीण वित्तीय संस्थाओं को मजबूत बनाने के साथ साथ स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला सशक्तिकरण, संयुक्त देयता समूहों के माध्यम से सूक्ष्म वित्त, प्राकृतिक संसाधनों का प्रबन्धन आदि के कार्य भी करता आ रहा है.
वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान नाबार्ड ने हरियाणा के विकास के लिये 35000 करोड़ रू की वित्तीय सहायता संवितरित की.
• ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (Rural Infrastructure Development Fund) से 1130 करोड़ रू. की मंजूरी दी गई जिसमें से 1030 करोड़ रू. संवितरित किये गये. इसके अलावा वाणिज्य बैंकों, क्षेत्रीय गामीण बैंकों, सहकारी बैंकों, लघु वित्त बैंकों, गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म ऋण संस्थाओं आदि को रू.3495 करोड़ की दीर्घकालिक वित्तीय सहायता कृषि, गैर कृषि तथा सहबदध् क्षेत्रों के विकास के लिये दी गई जो पिछले साल के 1571 करोड़ रू. के संवितरण के मुकाबले 122% अधिक रही.
• व्यवसाय विकास पहलकदमियों के अंतर्गत कुल मिलाकर 23616 करोड़ रू. की राशि संवितरित की गई. इसके तहत फूड प्रोक्योरमेंट के लिये फैडरेशनों को ऋण सहायता, बुनियादी सुविधाओं के विकास के लिये हरियाणा राज्य के निगमों तथा सहकारी बैंकों को सीधी पुनर्वित्त सुविधायें दी गई्.
• किसान उत्पादक संगठनों के गठन के लिये भी नाबार्ड मुस्तैदी से काम कर रहा है ताकि छोटे और सीमांत किसानों की भूमि का समूहन करके उन्हें उनकी उपज के सही मूल्य दिलवाये जा सकें. अब तक नाबार्ड हरियाणा में ऐसे 91 संगठनों का गठन कर चुका है.
• नाबार्ड वित्तीय समावेशन के लक्ष्यों की पूर्ति के उद्देश्य से राज्य के सहकारी बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को विभिन्न गतिविधियों जैसे एटीएम, माईक्रो एटीएम, किसान रूपे कार्ड, सहकारी बैंकों में सीबीएस सुविधायें, मोबाईल वैन खरीदने, डिजिटल कैंप लगाकर डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने आदि के लिये अनुदान सहायता देता रहा है.
• भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन के अनुरूप हरियाणा के 11 जिलों में नाबार्ड ने ईशक्ति परियोजना चलाकर स्वयं सहायता समूहों के डिजिटलीकरण की दिशा में प्रयास किये.
• जलवायू परिवर्तनों से निपटने के लिये नाबार्ड नैशनल एडैपटेशन फण्ड फॉर कलाईमेट चेंज(NAFCC) के अंतर्गत राष्ट्रीय कार्यान्वयक संस्था के रूप में काम कर रहा है. वर्ष के दौरान हरियाणा में पराली प्रबंधन के लिये किसानों को जागरूक बनाने के प्रयोजन से अनेक कार्यक्रम किये गये.
• भारत सरकार की सूक्ष्म सिंचाई निधि(Micro Irrigation Fund) के अंतर्गत नाबार्ड ने 2020-21 के दौरान हरियाणा सरकार को 688 करोड़ रूपये मंजूर किए जिसमें से 22 करोड़ रूपये संवितरित किए
• वित्त वर्ष 2021-22 के लिये नाबार्ड ने हरियाणा राज्य में 1,54000 करोड़ रू. का आधार स्तरीय ऋण देने की योजना बनाई है जोकि पिछले साल के मुकाबले 5.15% ज्यादा है.