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लोकसभा ने वित्त विधेयक-2021 पारित कर दिया है। यह विधेयक वित्त वर्ष 2021-22 के लिए केन्द्र सरकार के वित्तीय प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान करने के लिए लाया गया है।
विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने कहा कि सरकार कराधान अनुपालन प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार देश में कराधार बढ़ाने के लिए सभी उपाय कर रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि कराधान प्रणाली को औचित्यपूर्ण बनाने से देश में कारोबार करना सुगम बनाने की प्रक्रिया प्रोत्साहित होगी।
वस्तु और सेवाकर- जी.एस.टी. संबंधी मुद्दों पर सदस्यों की टिप्पणियों के जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि केन्द्र अपने आप जी.एस.टी. संरचना में परिवर्तन नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि प्रस्तावों पर विस्तार से विचार के बाद कर संरचना के बारे में जी.एस.टी. परिषद सामूहिक रूप से फैसला करती है। पेट्रोल और डीजल को जी.एस.टी. के दायरे में लाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राज्य यह मुद्दा चर्चा के लिए जी.एस.टी. परिषद में उठा सकते हैं।
इससे पहले, चर्चा की शुरूआत करते हुए कांग्रेस के डॉ0 अमरसिंह ने कहा कि इसे ऐसे समय में प्रस्तुत किया गया है, जब देश कोविड महामारी के कारण मुश्किलों का सामना कर रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था की खराब स्थिति के लिए महामारी को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश कर रही है। डॉ0 अमर सिंह ने कहा कि 2018-19 की पहली तिमाही से ही अर्थव्यवस्था में गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह कम हो रहा है और केन्द्र सरकार ने विभिन्न वस्तुओं पर सीमा शुल्क, कर और उपकर बढा दिये हैं, जिससे आम लोग प्रभावित हो रहे हैं।
श्री अमर सिंह ने कहा कि केन्द्र सरकार राज्यों को जी.एस.टी. लागू करने से राजस्व के नुकसान की क्षतिपूर्ति जारी नहीं कर रही है, जिससे विभिन्न कल्याण योजनाएं लागू नहीं हो पा रही हैं। भाजपा के राजेन्द्र अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने गरीबों के कल्याण के लिए कई उपाय किये हैं। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था को बढावा देने और लोगों को राहत पहुंचाने के लिए कोविड के दौरान 21 लाख करोड रूपये का पैकेज दिया गया है। श्री अग्रवाल ने कहा कि देश विभिन्न वैश्विक मापदण्डों पर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और विदेशी मुद्रा भण्डार सर्वाधिक हो गया है।
वाईएसआरसीपी के पी वी मिधुन रेड्डी ने केन्द्र सरकार से अनुरोध किया कि राज्यों की अर्थव्यवस्था फिर से पटरी पर लाने के लिए उनकी सहायता करने को कहा। उन्होंने विशाखापट्टनम इस्पात संयंत्र के निजीकरण का विरोध करते हुए इसकी प्रक्रिया रोकने का अनुरोध किया।
शिवसेना के विनायक राउत ने दिल्ली की सीमा पर किसानों के आंदोलन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि सरकार पेट्रोल और डीजल की कीमत बढाकर परोक्ष रूप से किसानों पर बोझ डाल रही है।