कोरोना वैक्सीन: ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका का टीका गंभीर संक्रमितों पर ज्यादा प्रभावी

एजेंसी, लंदन
Published by: देव कश्यप
Updated Tue, 23 Mar 2021 04:35 AM IST

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ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोविड-19 टीके के संयुक्त राज्य अमेरिका व दक्षिण अमेरिका में हुए परीक्षण में सामने आया है कि यह लक्षण युक्त कोविड-19 को रोकने में 79 प्रतिशत सफल है।

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वहीं अध्ययन में शामिल किसी व्यक्ति में रोग गंभीर अवस्था में नहीं पहुंचा, न ही किसी को अस्पताल में भर्ती करवाने की नौबत आई। यह टीका बना रही बायोटेक फर्म ने सोमवार को नये परीक्षण परिणामों के आधार पर यह दावा किया। यह टीका भारत में सीरम संस्थान द्वारा बनाया जा रहा है।

नये परीक्षण अमेरिका, चिली, पेरू, आदि में हुए थे। 32 हजार लोगों पर हुए परीक्षण के लिए चार हफ्ते में टीके के दो डोज दिए गए थे। 21,583 ने कम से कम एक डोज टीके की ली, वहीं कुछ को नकली टीके दिए गए। इसके परिणाम को लेकर फर्म ने दावा किया कि टीका सभी उम्र व नस्ल के लोगाें में प्रभावी साबित हुआ है।

खासतौर से 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में यह 80 प्रतिशत प्रभावी पाया गया। इसे तैयार करने वाले ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एंड्रू पोलार्ड ने कहा कि नई आबादी पर परीक्षण सफल रहना अच्छी खबर है। इससे टीके के उपयोग को बढ़ावा मिलेगा। उम्मीद की जा रही है कि इसके जरिए विश्व से कोविड-19 को खत्म करने में मदद मिलेगी।

अध्ययन और परिणाम

  • अध्ययन में 79 प्रतिशत श्वेत, 8 प्रतिशत अश्वेत, 4 प्रतिशत मूलनिवासी अमेरिकी, 4 प्रतिशत एशियाई और 22 प्रतिशत हिस्पैनिक समुदाय केलोग थे।
  • 20 प्रतिशत लोगों की उम्र 65 वर्ष से अधिक थी, 60 प्रतिशत में डायबिटीज, मोटापा, हृदय रोग आदि सह-बीमारियां भी थीं।
  • लोगों में लक्षणयुक्त कोविड-19 रोकने में 79 प्रतिशत सफलता मिली।
  • किसी मरीज में गंभीर कोविड-19 नहीं हुआ, न किसी को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा।

विस्तृत अध्ययन के लिए दिया जाएगा डाटा

अब फर्म इस परीक्षण का डाटा अमेरिका के एफडीए सहित अन्य विशेषज्ञों को मुहैया करवाएगी। इसका मूल्यांकन और विस्तृत अध्ययन करवाया जाएगा। यही अमेरिका में इसके उपयोग की अनुमति का आधार बनेगा। अमेरिका के रोचेस्टर स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर एन फाल्सी के अनुसार एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफोर्ड का टीका 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों पर ज्यादा प्रभावी मिला है। ऐसे में अमेरिका में इसे वैकल्पिक टीके के तौर पर स्वीकारा जा सकता है।

थ्रोम्बोसिस का जोखिम नहीं मिला

हाल में डाटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड ने यूरोप में कुछ टीकाकरण के मामलों में मरीजों में थ्रोम्बोसिस यानी खून के थक्के मिलने पर चिंता जताई थी। ताजा परीक्षण में डोज लेने वाले 21,583 लोगों में इसकी वजह से होने वाले सेरेब्रेल वेनस साइनस थ्रोम्बोसिस की जांच परीक्षणों में बोर्ड ने करवाई। उसे कोई मामला नहीं मिला।

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