चंडीगढ़: टैगोर थियेटर में चल रहे 50वें भास्कर राव सम्मेलन के तीसरे दिन तबले की थाप,गायन के मधुर स्वरों एवं बांसुरी की मधुर धुनांे ने दर्शकों को संगीत के सभी रंगों को पेश किया गया आज के कार्यक्रम में पंडित जयदेव द्वारा तबला वादन, महालक्षमी शिनाय द्वारा शास्त्रीय गायन एवं पंडित राकेश चैरसीया द्वारा बांसुरी वादन पेश किया गया । इस कार्यक्रम का आयोजन सरकार के नए नियमों के अनुसार मोहाली में कर्फयू के चलते 6ः00 बजे किया जाएगा ।
सबसे पहले पंडित तबला गुरू श्री काले राम जी के सुपुत्र पंडित जयदेव ने एकल तबला वादन पेश किया । पंजाब घराने के तबला वादक पंडित जयदेव ने पारम्परिक तीन ताल में रेले, कायदे, पलटे इत्यादि के अलावा कुछ खास घरानेदार बंदिशें पेश की । इनके साथ हारमोनियम पर श्री राजविंदर ने बखूबी संगत की ।
इसके पश्चात महालक्षमी शिनाय ने मंच संभाला । महालक्षमी ने राग कलावती में आलाप से शुरूआत की । इसके उपरांत इन्होंने विलम्बित एक ताल में निबद्ध बंदिश ‘‘साजन घर आए’’ पेश की । उपरांत द्रुत तीन ताल में निबद्ध रचना ‘‘तुम्हारे
बिना मैं तो मरी जात’’ प्रस्तुत की कार्यक्रम का समापन इन्होंने कन्नड़ और कोंकणी भजन प्रस्तुत किए ।इनके साथ मंच पर अभिषेक मिश्रा ने तबले पर बखूबी संगत की ।
कार्यक्रम के अंतिम भाग में जानेमाने बांसुरी वादक पंडित राकेश चैरसीया ने मंच संभाला । इन्होंने कार्यक्रम की शुरूआत राग दुर्गा से की । जिसमें पारम्परिक आलाप से शुरू करके जोड़ एवं मध्य ताल में मधुर रचना प्रस्तुत की । इसके पश्चात इन्होंने राग किरवाणी में निबद्ध रचनाएं पेश की । कार्यक्रम के अंत में एक पहाड़ी धुन प्रस्तुत करके खूब तालियां बटोरी । इनके साथ तबले पर जानेमाने तबला वादक पंडित रामकुमार मिश्रा ने बखूबी संगत की ।
कार्यक्रम के अंत में कलाकारों को सम्मानित किया गया ।