/ / आप भी हैं खर्राटे लेने की आदत से परेशान? ये आसान उपाय दिलाएंगे छुटकारा

आप भी हैं खर्राटे लेने की आदत से परेशान? ये आसान उपाय दिलाएंगे छुटकारा

खर्राटों का मुख्य कारण होता है खुले मुंह से सांस लेना और जीभ एवं टॉन्सिल के पीछे की सॉफ्ट पैलेट में कंपन होना। खर्राटे एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या है और इसे कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।

आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह कहना है की, “ खर्राटे लेना एक बहुत गंभीर स्वास्थ्य समस्या है और इसे केवल शोर वाली परेशानी समझ कर कभी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। खर्राटे विचलित नींद का संकेत होते हैं, जो अनेक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकते हैं। इसोने की करवट या शराब के सेवन की आदत में बदलाव कर के इसे बदला जा सकता है। इलाज न हो तो हाई ब्लड प्रेशर हो सकता है, जिससे दिल का आकार बहुत बड़ा हो जाता है। दिल के दौरे और स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है। ।”

इसमें जीवनशैली की आदतें बहुत अहम भूमिका निभाती हैं, जिन्हें कारगर तरीके से सुधारा जा सकता है। शराब का सेवन, धूम्रपान और कुछ दवाएं गले की मांसपेशियों को आराम देते हैं, जिससे गले का मांस ढीला हो कर सांस का प्रवाह भी रोक देता है। धूम्रपान से नाक के मार्ग और गले की मांसपेशियों में जलन भी होती है, जिससे गंभीर सूजन आ जाती है, जो सांस लेने मे बाधा बनती है।”

कुछ कारण हैं :

  • टॉन्सिल का बड़ा होना
  • साईनस
  • नाक की झिल्ली का बहुत टेढ़ा होना
  • नेजल पालिप्कस
  • पीठ के बल सोना
  • उम्र बढ़ने के साथ गले की मांसपेशियां का ढीलापन

खर्राटों के कारणों का पता लगाएं। उनके इलाज के लिए भी उचित कदम उठाएं। एक करवट पर सोने से जीभ सांस को बंद नहीं करती, जिससे खर्राटे रोकने में बहुत मदद मिलती है।

खर्राटों से बचने के लिए विशेष तकिया बनाया जा सकता है, जिसका गर्दन वाला हिस्सा सिर वाले हिस्से की तुलना में बहुत उभरा हुआ होता है, जिससे गर्दन को सहारा मिलता है और खर्राटे रुकते हैं।

अगर आपका वजन ज्यादा है तो उसको कम करें।

धूम्रपान छोड़ें इससे नाक की झिल्ली और गले में बहुत जलन होती है।

अगर आप नकली दांत लगाते हैं तो सोते समय उन्हें अवश्य उतार दें।