पान में सुपारी का स्वाद सभी को लुभाता है. भारतीय लोग सालों से सुपारी का उपयोग पान के एक मसाले के रूप में और माउथ फ्रेशनर के रूप में करते आ रहे हैं. हमारे समाज में सुपारी का प्रयोग दो तरह से किया जाता है एक पूजा-पाठ में और दूसरा पान व पान मसाले में, लेकिन लोगों में ये धारणा है कि इसके सेवन से उनके स्वास्थ्य को हानि होगी.
सुपारी के चमत्कारी फायदे
सुपारी आयुर्वेद में कई पेट के रोगों जैसे गैस, सूजन, कब्ज, पेट के कीड़े, आदि में बहुद उपयोगी है. सुपारी में कार्बोहाइड्रेट फैट और प्रोटीन केसाथ ही मिनरल्स भी मौजूद होते हैं. साथ ही टैनिन गैलिक एसिड और लिगनिन भी पाया जाता है. सुपरी की इसी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए चलिये आज हम आपको इसके बेजोड़ फायदे बताते हैं…
दस्त :
सुपारी के छोटे-छोटे टुकड़े करके 1 गिलास पानी में उबालें. पानी के आधा रहने पर छानकर पी लें. ऐसा सुबह-शाम रोजाना करने से मेदा (आमाशय) और आंतों की कमजोरी से होने वाले दस्त बंद हो जाते हैं. 10 ग्राम सुपारी को मोटा-मोटा पीसकर 100 मिलीलीटर पानी में उबालने के लिए रख दें. उबलने पर आधा पानी रह जाने पर सुबह-शाम इस पानी को पीने से दस्त ठीक हो जाते हैं.
उल्टी :
सुपारी और हल्दी को बराबर मात्रा में पीसकर बारीक चूर्ण बना लें. इस 2 ग्राम चूर्ण को पानी के साथ लेने से उल्टी होने के रोग में लाभ होता है. सुपारी और हल्दी के चूर्ण को शक्कर के साथ मिलाकर फंकी की तरह लेने से उल्टी होना रुक जाती है.
डायबटीज:
डायबिटीज के कारण कई लोगों को बार-बार मुंह सूखने की समस्या होती है. इसलिए ऐसे लोगों को सलाह दी जाती है कि जब भी मुंह सूखे एक सुपारी का टुकड़ा मुंह में रखें, क्योंकि इसे चबाने से बड़ी मात्रा में सलाइवा निकलता है.
पायरिया :
सुपारी को जलाकर मंजन बना लें. इस मंजन से रोजाना 2 बार दांत साफ करने से दांत व मसूढ़ों के सभी रोग नष्ट हो जाते हैं.
मसूड़ों के रोग में :
मसूड़ों से खून आने पर सुपारी को मोटा कूट कर काढ़ा बना लें. इस काढ़े से नियमित कुल्ला करने से लाभ होता है. साथ ही इसकी भस्म को दंत मंजन में मिलाकर मसूड़ों पर मालिश करने से भी लाभ होता है.
पेट के कीड़ों के लिए :
लगभग 5 ग्राम कच्ची सुपारी को पीसकर 7 से 14 मिलीलीटर जंबारी रस में मिलाकर रोजाना सुबह-शाम सेवन करने से पेट के कीड़े समाप्त हो जाते हैं.
त्वचा के रोग :
सुपारी को पानी के साथ घिसकर लेप करने से खाज-खुजली , विसर्प और चकत्ते जैसे रोग दूर हो जाते हैं. सुपारी की राख को तिल के तेल में मिलाकर त्वचा पर लगाने से खुजली दूर हो जाती है.
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