
पूर्व केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर ने पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ 15 अक्टूबर 2018 को शिकायत दायर की थी.
कोर्ट ने कही ये 6 बड़ी बातें...
हमारे समाज को यह समझने में समय लगता है कि कभी-कभी पीड़ित व्यक्ति मानसिक आघात के कारण वर्षों तक नहीं बोल पाता. महिला को यौन शोषण के खिलाफ आवाज उठाने के लिए दंडित नहीं किया जा सकता.
महिला अक्सर सामाजिक दबाव में शिकायत नहीं कर पाती. समाज को अपने पीड़ितों पर यौन शोषण और उत्पीड़न के प्रभाव को समझना चाहिए.
सोशल स्टेट्स का व्यक्ति भी यौन उत्पीड़न कर सकता है.
यौन शोषण गरिमा और आत्मविश्वास से दूर ले जाता है. प्रतिष्ठा का अधिकार को गरिमा के अधिकार की कीमत पर संरक्षित नहीं किया जा सकता.
एक महिला को दशकों बाद भी अपनी शिकायत किसी भी मंच पर रखने का अधिकार है. मानहानि कहकर किसी महिला को शिकायत करने से रोका नहीं जा सकता है और सज़ा नहीं दी जा सकती.
कोर्ट ने महाभारत और रामायण का भी ज़िक्र किया. कोर्ट ने कहा कि लक्ष्मण से जब सीता का वर्णन करने के लिए कहा गया तो उन्होंने कहा कि मां सीता के पैरों के अलावा उनका ध्यान कहीं और नहीं था.