सत्तू कई प्रकार के होते है. यह सत्तू 7 अनाजों से तैयार किया जाता है जो है मक्का, जौ, चना, अरहर, मटर, खेसारी और कुलथा. इन्हें भून कर पीस लिया जाता है. यदि सातों अनाज को मिलाकर सत्तू बनाया जाए तो वे और भी पौष्टिक होता है. चलिए आपको बताते हैं सत्तू के लाभ के बारे में, जिसके बारे में आयुर्वेद चिकित्सक भी बताते हैं.
ये थकान मिटाने और भूख बढाने का भी काम करता है. ये डायबिटीज के रोगियों के लिए काफी लाभकारी होता है.
चने के सत्तू को पानी, काला नमक तथा नींबू के साथ घोलकर पीते हैं, तो यह आपके पाचनतंत्र के लिए लाभकारी होता है.
सत्तू के सेवन से अधिक तैलीय खाना खाने से होने वाली तकलीफ़ ख़त्म हो जाती है और तेल निकल जाता है
इसका सेवन गले के रोग, उल्टी, आंखों के रोग कई अन्य रोगों में लाभकारी होता है.
सत्तू में प्रचुर मात्रा में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, कैल्शियम, मैग्नीशियम आदि पाए जाते हैं. ये शरीर को ठंडक पहुंचाता है.
ये शरीर के जलन को शांत करता है. इसे पानी में घोलकर पीने से शरीर में पानी की कमी दूर होती है. साथ ही बेहद अधिक प्यास नहीं लगती.
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