मौसम में आने वाले बदलाव और गलत खान पान से गले में खराश या आवाज बैठ जाने की परेशानी बहुत आम सुनने को मिलती है। ऐसे में गले में दर्द, खुजली और कफ की समस्या हो जाती है। कुछ लोगों को धूल मिट्टी से भी एलर्जी होती हैं । गले में खराश केयर ना करने पर यह काफी तकलीफदेह और नुकशानदयाक भी हो सकती हैं। इससे गले में सूजन और दर्द बहुत ज्यादा बढ़ सकता है, जिससे खाना-पीना भी कठिन हो जाता है।
गले में दर्द अथवा खराश में गुनगुने पानी में नमक डालकर गरारे करें। अवश्य फायदा होगा। इससे आपके गले के भीतर सूजन तो कम होगी, मांसपेशियों को बहुत आराम भी मिलेगा।
सोते समय एक ग्राम मुलहठी की छोटी सी गांठ मुंह में रखकर चबाते रहे या फिर मुंह में रखकर सो जाए। अगर आप गांठ नहीं चबा पाते तो मुलेठी चूर्ण को पान के पत्ते में रखकर लें। इससे सुबह गले का दर्द और सूजन दोनों बहुत दूर होगी।
1 कप पानी में 4-5 काली मिर्च एवं तुलसी की थोड़ी सी पत्तियों को उबालकर उसका काढ़ा बना लें और पीएं।
सुबह-सुबह सौंफ चबाने से भी बंद गला खुल जाता है।
आधा ग्राम कच्चा सुहागा मुंह में रखें और इसका रस खूब चुसते रहे। 2-3 घंटे में गला बिलकुल भी साफ हो जाएगा।
जिन लोगों का गला हमेसा जुकाम में एलर्जी के कारण खराब रहता हैं उन्हें सुबह-शाम 4 से 5 मुनक्के के दानों को चबाकर अवश्य खाना चाहिए। लेकिन इसके ऊपर पानी ना पीएं। इसके अलावा पर्याप्त आराम करने से आपको गले की सूजन, खराश और दर्द से भी बहुत ज्यादा राहत मिलती है।