उच्च रक्तचाप को ‘साइलेंट किलर’ भी कहा जाता है। विशेषज्ञों का नियमित दवाई से ही इसे पूरी तरह नियंत्रित रखा जा सकता है।वेंकटेश्वर अस्पताल के हृदयरोग विभाग के निदेशक ने कहा कि उच्च रक्तचाप एक साइलेंट किलर है क्योंकि इसके अपने कोई विशेष लक्षण मौजूद नहीं होते। रोगियों को सिर में दर्द या चक्कर आने की गंभीर शिकायत होती है। मस्तिष्क, हृदय, किडनी और आंखों तक पर इसका असर होता है। हर तीसरा भारतीय इस समस्या का शिकार है। यह लोगों की मृत्यु की भी बड़ी वजह है।
बदल रही जीवनशैली ने लोगों की हाइपर टेंशन को बढ़ाया है। इनमें शारीरिक व्यायाम की कमी, अधिक नमक और बसा वाला जंक फूड, अल्कोहल और तंबाकू के सेवन और मानसिक तनाव आदि कारण हो सकते हैं। रोजाना 25 से 30 मिनट की कसरत, कम नमक का प्रयोग, कम वसा वाले भोजन के इस्तेमाल से मानसिक तनाव से बचा जा सकता है और इसका बीपी रोगियों पर सकारात्मक असर दिखाई देता है। बीपी रोगियों को उपचार और दवाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
सिर में दर्द, देखने में दिक्कत, नींद सही से नहीं आने जैसी समस्याओं की जांच के लिए जब लोग जाते हैं तो पता चलता है कि रक्तचाप बढ़ा हुआ है।