चंडीगढ़: बहादुरगढ़, निलौठी, 30 जनवरी: केंद्र व प्रदेश सरकार द्वारा सड़क व रेलवे के लिए की गई भूमि अधिग्रहण का मुआवजा प्रति एकड़ 5 करोड की मांग, को लेकर पिछले लगभग 16 दिनों से गांव निलोठी में भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति के बैनर के नीचे संविधान सत्याग्रह आंदोलन कर रहे किसानों की मांगों की तरफ केंद्र व प्रदेश सरकार ने ध्यान नहीं दिया तो हजारों किसान जिसमें महिलाएं भी शामिल होंगी जल समाधि लेने पर मजबूर होंगे। यह बात रमेश दलाल, राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारत भूमि बचाओ संघर्ष समिति ने किसानों को संबोधित करते हुए शनिवार को कही ।
रमेश दलाल ने नितिन गडकरी पर आरोप लगाया कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी व उनके विभाग ने किसानों की जमीन अधिग्रहण के मामले में धोखाधड़ी की और भ्रष्टाचार फैलाया है। भूमि अधिग्रहण के मामले में उन्होंने यह भी कहा कि इसमें हिंदुस्तान के लगभग 40 आईएएस ऑफिसर्स शामिल हैं, जिनका वे शीघ्र ही पर्दाफाश करेंगे। उन्होंने बताया कि हरियाणा, पंजाब, राजस्थान व गुजरात के हजारों किसानों ने 15 जनवरी को गांव हुमायूंपुर में संविधान सत्याग्रह के तहत आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन किसी भी केंद्र व राज्य सरकार के प्रतिनिधि ने आकर किसानों से बातचीत नहीं की। लगभग 6 दिन किसानों ने मौन व्रत और भू-समाधि ली। लेकिन फिर भी बहरी व गूंगी की सरकार के कान पर जूं नहीं रेंगी। जिसके चलते अब किसानों ने जल समाधि लेने का बेड़ा उठाया है। हजारों किसानों ने हाथ उठाकर जल समाधि के पक्ष में अपना समर्थन दिया।
रमेश दलाल ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने लगभग 47 आंदोलन किसानों के पक्ष में किए हैं। यदि केंद्र व प्रदेश सरकार महात्मा गांधी को सच्ची श्रद्धांजलि देना चाहती है, तो किसानों की भूमि अधिग्रहण का मुआवजा प्रति एकड़ 5 करोड़ दिया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के चारों तरफ बैठे किसानों द्वारा किए जा रहे आंदोलन का समर्थन करते हैं। क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीनों अध्यादेश किसानों के खिलाफ हैं और तीनों काले कानून वापिस लेने की मांग करते हैं।