Farmers Protest : किसान ट्रैक्टर रैली के निर्धारित रूट से अलग होकर लाल किला तक पहुंच गए थे.
सर्वदलीय बैठक की 10 बड़ी बातें...
पीएम मोदी ने सर्वदलीय बैठक में कहा, सरकार खुले मन से किसानों से जुड़े मुद्दों पर वार्ता कर रही है. सरकार की पेशकश कायम है. केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने भी ट्वीट कर नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों को दिए प्रस्ताव पर कहा कि कृषि मंत्री वार्ता से बस एक फोन कॉल दूर हैं.
सरकार ने 10वें और 11वें दौर की वार्ता में भी यह प्रस्ताव दोहराया, लेकिन किसान नेता नहीं माने. इस पर तोमर ने पिछले हफ्ते किसान नेताओं ने कहा कि गेंद अब उनके पाले में है.
पीएम मोदी किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा पर बोले कि "कानून अपना काम करेगा". विपक्ष ने गणतंत्र दिवस पर हुई हिंसा की निंदा की, लेकिन किसानों के प्रदर्शन में घुसे बाहरी तत्वों को लेकर जांच की मांग की है. विपक्ष ने पंजाबी नेता दीप सिद्धू द्वारा हिंसा भड़काने और लाल किले पर झंडा फहराने का आरोप लगाया.
गणतंत्र दिवस के बाद से दिल्ली के सिंघु, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर तनाव बना हुआ है. बड़ी संख्या में सुरक्षाबल वहां तैनात हैं. यूपी सरकार ने कहा है कि जरूरत पड़ी तो गाजीपुर से प्रदर्शनकारियों को जबरन हटाएंगे. जबकि राकेश टिकैत का कहना है कि वो गोली खाने को तैयार हैं.
गृह मंत्रालय ने शनिवार को सिंघु, गाजीपुर और टीकरी बार्डर पर 48 घंटों के लिए इंटरनेट सेवा बंद कर दी. गाजीपुर बॉर्डर पर बिजली-पानी की आपूर्ति हालांकि दोबारा बहाल कर दी गई है.
राकेश टिकैत ने कहा है कि गाजीपुर बॉर्डर पर 10 हजार से ज्यादा किसान मौजूद हैं, लेकिन यह स्थिर नहीं है. यूपी के मुजफ्फरनगर में हुई किसानों की महापंचायत में शुक्रवार को भारी हुजूम उमड़ा था.
सिंघु बॉर्डर पर किसानों और स्थानीय लोगों के बीच झड़प भी देखने को मिली थी, जब 200 से ज्यादा लोगों ने प्रदर्शनस्थल पर धावा बोला था और पत्थरबाजी की और किसानों के टेंट नष्ट कर दिए. दो पुलिसकर्मी इस घटना में घायल हुए. हरियाणा में भी 24 घंटे का अल्टीमेटम लोगों ने किसानों को दिया है.
दिल्ली पुलिस ने किसान नेताओं को ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा को लेकर नोटिस भेजकर 3 दिन में जवाब मांगा है. आरोपी नेताओं से पासपोर्ट भी सौंपने को कहा गया है. हालांकि संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि वे नोटिसों से डरने वाले नहीं हैं.
किसानों का कहना है कि रिपब्लिक डे परेड की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा उन्हें बदनाम करने की साजिश है. इसकी जांच होनी चाहिए.
किसानों का कहना है कि इन तीन कृषि कानूनों के जरिये उन्हें कारपोरेट हाथों में छोड़ा जा रहा है. एमएसपी पर कानूनी गारंटी भी सरकार नहीं दे रही है. सरकार का कहना है कि ये कृषि क्षेत्र के बहुप्रतीक्षित सुधार हैं, जिनसे किसानों को फायदा पहुंचेगा.