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राजधानी दिल्ली में किसानों के विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसक घटनाओं के बाद दिल्ली पुलिस ने कानून के उल्लंघन, दंगा करने, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और घातक हथियारों से सरकारी कर्मियों पर हमला करने के बारे में लगभग दो दर्जन मामले दर्ज किए हैं। दिल्ली पुलिस स्थिति पर कड़ी नज़र रखे हुए है। किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान पुलिस और किसानों के बीच कल पूरे दिन संघर्ष जारी रहा।
ज्यादातर घटनाएं मुकरबा चौक, गाजीपुर, आईटीओ, सीमापुरी, नांगलोई टी-प्वाइंट, टीकरी बॉर्डर और लालकिले पर हुई। हिंसक घटनाओं में 86 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और दंगाइयों ने सरकारी तथा निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया।
दिल्ली पुलिस ने कहा है कि भीड़ में से कुछ लोग लालकिले की प्राचीर पर भी चढ़ गए, जहां उन्होंने अपने संगठनों का झंडा फहराया। दिल्ली पुलिस ने काफी प्रयासों के बाद लालकिले की प्राचीर और आसपास से भीड़ को भगा दिया।
इस बीच, दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस.एन. श्रीवास्तव ने आंदोलनकारी किसानों से हिंसा न करने को कहा है। उन्होंने उनसे शांति बनाए रखने की अपील की। पुलिस आयुक्त ने कहा कि कई दौर की बैठकों के बाद ट्रैक्टर रैली का समय और मार्ग तय किया गया था।
आंदोलनकारियों ने शर्तों का उल्लंघन किया और निश्चित समय से पहले उन्होंने रैली शुरू कर दी और बाद में हिंसा का रास्ता चुना। दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान काफी संयम बरता।
स्थिति के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई आवश्यक कदम उठाए हैं। पुलिस ने कहा है कि आंदोलन से सरकारी संपत्ति को काफी नुकसान पहुंचा है।