गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 7, पंचकूला मे कानूनी दिशाएं प्रोग्राम का आयोजन

चंडीगढ़, पंचकूला: गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल सेक्टर 7 मे एक कानूनी दिशाएं प्रोग्राम आयोजित किया गया जिसमे एडवोकेट जी. पी भनोट ने  गवर्नमेंट व प्राइवेट स्कूलों के हेड व लीगल लिटरेसी कोऑर्डिनेटर को सेक्सुअल हरास्मेंट, पोक्सो एक्ट, फाइनेंसियल लिटरेसी के बारे मे संक्षेप मे जानकारी दी गयी जिसमे एडवोकेट जी. पी भनोट ने बताया की किसी के द्वारा जबदस्ती यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए दबाव बनाना यौन शोषण कहलाता है। यौन गतिविधि में शामिल होने के लिए आग्रह करना या सामने वाले व्यक्ति को इसके बदले इनाम देने की बात कहकर उसके समक्ष मौखिक या शारीरिक रूप में यौन व्यवहार को उजागर करना भी यौन शोषण का ही रूप माना जाता है। वैसे यौन शोषण पर रोक हेतु कई तरह के कानून बनाए गए हैं, लेकिन वह पूरी तरह से समाज में लागू नहीं हो पाते हैं। अक्सर कई मामलों में कार्यक्षेत्र में होने वाला निरंतर यौन शोषण आपके के लिए अपमानजनक स्थिति को बनाता है। इस शोषण के चलते कई बार कंपनी के द्वारा कर्मचारी को नौकरी से निकालना, पदावनति करना या इस्तीफा लेने तक की कार्यवाही की जाती है, जो कानून के मुताबिक गैर कानूनी प्रक्रिया है व यौन शोषण के लिए आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2013 के द्वारा भारतीय दंड संहिता में धारा 354 को शामिल किया गया। जिसमें यह बताया गया है कि यौन शोषण के अपराध में दोषी को क्या दंड दिया जाएगा व स्टूडेंट्स के लिए जरुरी है बजट के बेसिक्स जानना |
किसी भी कॉलेज स्टूडेंट के लिए बजट बनाना सीखना एक बहुत जरुरी स्किल है. विशेष तौर पर तब, जब आप अपने घर-परिवार से दूर रहते हैं और अपने लिए हर चीज का इंतजाम आपको खुद करना होता है. इसके अलावा, किसी इंसान के लिए अपने वित्त या रुपये का प्रबंध करने के लिए बजट बनाना सबसे मूल पहलू है. मोबाइल एप्लीकेशन्स आने के साथ ही आपके स्मार्ट फ़ोन्स पर अब उपलब्ध ढेरों बजट एप्स से आजकल बजट बनाना और मैनेज करना बहुत आसान हो गया है. इसलिये, भले ही आप कोई मैथ्स एक्सपर्ट नहीं हैं तो भी आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. ये एप्स आपके लिए यह पता लगाना बहुत आसान बना देते हैं कि आखिर आपका पैसा गया कहां और आप अपने खर्च कम कैसे कर सकते हैं. हालांकि, उपयुक्त बजट के बिना आपके लिए अपने रुपये-पैसे का प्रबंध करना अत्यंत कठिन कार्य साबित हो सकता है इसके साथ साथ आये दिन समाज में बच्चों के साथ यौन अपराधों की ख़बरें मिलती रहती हैं, जो किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करती हैं। लिहाजा,
इस तरह के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर सरकार ने वर्ष 2012 में एक विशेष कानून “पॉस्को एक्ट” बनाया। इस कानून के तहत दोषी व्यक्ति को उम्रकैद तक की सजा हो सकती है। क्योंकि यह कानून बच्चों को छेड़खानी, बलात्कार और कुकर्म जैसे मामलों से सुरक्षा प्रदान करता है और अंत मे विधिक सेवाएँ प्राधिकरण अधिनियम,1987 के अंतर्गत सभी प्रकार के दीवानी और फौजदारी मुकदमों के लिए दी जाने वाली सलाह एवं सहायता निःशुल्क कानूनी सहायता दी जाती है  इस मौके पर सतपाल कौशिक डिप्टी डी ओ  और वजिदेर सिंह डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर व राम गिरी विषय वेषज्ञा ने  कानून  के द्वारा मिलने वाली मुफ़्त सहायता की सराहना की जो भारतीय सविंधान की वजह से सम्भव हो पाया
लगभग 90 प्रिंसिपल व teachers ने कानूनी दिशाए प्रोग्राम  मे भाग लिया

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