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बच्चों को अस्थमा आसानी से अपना शिकार बना लेता है, अस्थम से बचने के लिये अपनाये ये उपाय

दिल्ली और दिल्ली जैसे ही कई सारे महानगरों में अस्थमा ने बहुत ही भयंकर रूप से बढ़ रहा है. यह बच्चों और उम्र तराज लोगों को ज्यादा शिकार बना रहा है. इसका कारण है उनकी बहुत ही कमजोर इम्यूनिटी. महानगरों में अस्थमा के बढ़ते मामलों की वजह यहां का प्रदूषण का स्तर भी है.

बच्चों को अस्थमा आसानी से अपना शिकार बना लेता है. एक बार अस्थमा की गिरफ्त में आने के बाद इससे छुटकारा पाना लगभग नामुम‍किन हो जाता है. जब बच्चे अस्थमा का शिकार होते हैं तो कई बातों की सावधानी रखनी होती है. यहां तक की इस बात का भी ध्यान रखना होता है कि वे क्या खाएं और क्या नहीं. इसलिए हम आपको बता रहे हैं कि अस्थमा के दौरान बच्चे को खाने में क्या दें और क्या नहीं-

अगर बच्चे को अस्थमा की शिकायत है तो हल्का भोजन ही दें. लेकिन ध्यान रहे कि उसे यह महसूस न हो कि वह बीमार है. कई बार अस्‍थमा उतना सुस्त नहीं बनाता जितना की यह सोच बच्चों को सुस्त बना देती है कि उन्हें अस्थमा है.

जब आप अस्थमा से ग्रसित बच्चे को खाना दे रहे हों, तो उसका हल्का होना जरूरी है. क्योंकि बच्चों के मामले में हाई कैलोरी युक्त सांस लेने में दिक्कत पैदा कर सकता है.

कुछ घरेलू नुस्खों को अपनाकर भी आप बच्चों को अस्थमा से फायदा पहुंचा सकते हैं. उन्हें शहद के साथ मुनक्का दें. इससे फायदा होगा.

कोशिश करें कि आपके बच्‍चे को गरम पानी पीने की आदत पड़े यह उनके लिए अच्छा है.

बच्चों को दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां दें. साथ ही उन्हें सलाद खाने की आदत ड़ालें. सलाद में मौसमी सब्जी गाजर, टमाटर, खीरा, ककड़ी वगैरह दें.

हल्दी एक प्राकृतिक एंटीबायोटिक होती है. बच्चों को दूध में हल्दी मिलकार पिलाएं.

अस्थमा के रोगी बच्चे को खाने में खट्टी चीजें न दें.

बहुत ज्यादा ठंडा पानी न पीने दें. कोशिश करें की घर में एक मिट्टी का घड़ा ले आएं और उसी का पानी बच्चों को दें.

जितना हो सके चावल देने से बचें.

अस्थमा से पीडि़त बच्चों को केला, कचालू, अरबी, फूलगोभी वगैरह न खाने की सलाह दी जाती है.