पिता का बहुत अधिक तनाव उसके बच्चों के दिमाग के विकास को बहुत हद तक प्रभावित कर सकता है। एक नए रिसर्च में यह दावा किया गया है। शोधकर्ताओं के मुताबिक, तनाव पिता के शुक्राणुओं को पूरी तरह बदल देता है, जिससे बच्चे के दिमाग का विकास पूर्ण्तः बाधित हो सकता है। शोधकर्ताओं ने यह कहा है कि नया शोध बच्चों के दिमाग के विकास में पिता की भूमिका की बहुत बेहतर समझ प्रदान करता है।
इससे पहले, यूनिवर्सिटी ऑफ मैरीलैंड स्कूल के शोधकर्ताओं ने नर चूहों पर किए गए प्रयोग में यह पाया कि उसके क्रोनिक तनाव का मुख्य कारण उसके पिता के शुक्राणु में हुआ जेनेटिक मैटेरियल माइक्रोआरएनए में हुआ महत्वपूर्ण उत्परिवर्तन है। यह जीन प्रोटीन की कार्यप्रणाली में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अब शोधकर्ताओं ने इन माइक्रोआरएनए में हुए बदलाव के संबध में नई जानकारियां हासिल की हैं। पिता के शुक्राणुओं के माइक्रोआरएनए में हुए परिवर्तन का सबसे मुख्य कारण तनाव है।
इस रिसर्च के परिणाम को ऑस्टिन में हुए AAAS 2018 सालाना सम्मेलन में प्रस्तुत किया गया। शोधकर्ताओं ने यह भी कहा कि पिता के जोखिम और बच्चों में बीमारी के जोखिम के बीच संबंधों के बारे में बहुत अधिक जानकारी हासिल कर हम इन विकारों को बेहतर ढंग से समझ सकते हैं, जिससे इनका पता लगाने और इन्हें रोकने में पूर्णतः कामयाबी मिलेगी।
यह भी पढ़ें –