लहसुन का भारत में खास महत्व है। यह खासकर हमारे बनने वाले व्यंजनों में खास इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा लहसुन का उपयोग औषधि, घरेलू उपचार, व्यंजन जैसी पद्धति में किया जाता है। आईए जानते हैं लहसुन के उपयोग और इससे जुड़े लाभ..
लहसुन में एक विशेष गंध होती है
लहसुन की एक गांठ को कई कलियों के रूप में विभाजित किया जा सकता है।
लहसुन और उसके बीज का उपयोग औषधीय प्रयोजनों के लिए भी किया जाता है।
इसका इस्तेमाल गले तथा पेट सम्बन्धी बीमारियोंमें होता है।
इसमें पाए जाने वाला सल्फर इसकी गंध को बढ़ाता है।
लहसुन सर्वाधिक चीन में उत्पादित होता है उसके बाद भारत में।
लहसुन में रासायनिक तौर पर गंधक की अधिकता होती है।
इसे पीसने पर ऐलिसिन नामक यौगिक प्राप्त होता है जो प्रतिजैविक विशेषताओं से भरा होता है।
इसके अलावा इसमें प्रोटीन, एन्ज़ाइम तथा विटामिन बी, सैपोनिन, फ्लैवोनॉइड आदि पदार्थ पाए जाते हैं।
नियमित रूप से लहसुन की पांच कलियां खाई जाएं तो हृदय संबंधी रोग होने की संभावना में कमी आती है।
लहसुन, सेलेनियम का भी अच्छा स्रोत होता है।
गर्भवती महिलाओं को लहसुन का सेवन नियमित तौर पर करना चाहिए।
आयुर्वेद और रसोई दोनों के दृष्टिकोण से लहसुन एक बहुत ही महत्वपूर्ण फसल है।
लहसुन में वसा,कार्बोज,खनिज पदार्थ, चूना,लोहा पाया जाता है।
लहसुन घर में महीनों रखा जा सकता है, इसमें भंगस और फफूंद नहीं लगती है।
इसमें बैक्टीरिया-रोधक, फफूंद-रोधक एवं एंटी-ऑक्सीडेंट से भरपूर तत्व ऐलीसिन रूप में जाना जाता है।