पंचकुला, 11: जनवरी:गवर्नमेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल भूरी मे क़ानूनी जागरूकता शिवर आयोजित किया जिसमे एडवोकेट जी. पी भनोट ने बच्चों को ह्यूमन ट्रैफिकिंग…शारीरिक शोषण और देह व्यापार मानव तस्करी का अमानवीय व्यापा के बारे मे डिटेल मे बताया ह्यूमन ट्रैफिकिंग यानी मानव तस्कारी कहने को तो ग़ैरक़ानूनी है, लेकिन फिर भी यह हमारे समाज की गंभीर समस्या बनी हुई है. शारीरिक शोषण और देह व्यापार से लेकर बंधुआ मज़दूरी तक के लिए ह्यूमन ट्रैफिकिंग की जाती है.ड्रग्स और हथियारों के बाद ह्यूमन ट्रैफिकिंग दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑर्गनाइज़्ड क्राइम है.80% मानव तस्करी जिस्मफ़रोशी के लिए होती है |
एशिया की अगर बात करें, तो भारत इस तरह के अपराध का गढ़ माना जाता है.ऐसे में हमारे लिए यह सोचने का विषय है कि किस तरह से हमें इस समस्या से निपटना है.मानव तस्करी में अधिकांश बच्चे बेहद ग़रीब इलाकों के होते हैं. मानव तस्करी में सबसे ज़्यादा बच्चियां भारत के पूर्वी इलाकों के अंदरूनी गांवों से आती हैं.अत्यधिक ग़रीबी, शिक्षा की कमी और सरकारी नीतियों का ठीक से लागू न होना ही बच्चियों को मानव तस्करी का शिकार बनने की सबसे बड़ी वजह बनता है.इस कड़ी में लोकल एजेंट्स बड़ी भूमिका निभाते हैं.ये एजेंट गांवों के बेहद ग़रीब परिवारों की कम उम्र की बच्चियों पर नज़र रखकर उनके परिवार को शहर में अच्छी नौकरी के नाम पर झांसा देते हैं.
– ये एजेंट इन बच्चियों को घरेलू नौकर उपलब्ध करानेवाली संस्थाओं को बेच देते हैं. आगे चलकर ये संस्थाएं और अधिक दामों में इन बच्चियों को घरों में नौकर के रूप में बेचकर मुनाफ़ा कमाती हैं.ग़रीब परिवार व गांव-कस्बों की लड़कियों व उनके परिवारों को बहला-फुसलाकर, बड़े सपने दिखाकर या शहर में अच्छी नौकरी का झांसा देकर बड़े दामों में बेच दिया जाता है या घरेलू नौकर बना दिया जाता है, जहां उनका अन्य तरह से और भी शोषण किया जाता है.नई दिल्ली के पश्चिमी इलाकों में घरेलू नौकर उपलब्ध करानेवाली लगभग 5000 एजेंसियां मानव तस्करी के भरोसे ही फल-फूल रही हैं. इनके ज़रिए अधिकतर छोटी बच्चियों को ही बेचा जाता है, जहां उन्हें घरों में 16 घंटों तक काम करना पड़तासाथ ही वहां न स़िर्फ उनके साथ मार-पीट की जाती है, बल्कि अन्य तरह के शारीरिक व मानसिक शोषण का भी वे शिकार होती हैं न स़िर्फ घरेलू नौकर, बल्कि जिस्मफ़रोशी के जाल में भी ये बच्चियां फंस जाती हैं और हर स्तर व हर तरह से इनका शोषण होने का क्रम जारी रहता है |
इस अवसर पर उन्होंने कहा की पूरा विशव कोरोना महामारी की चपेट मे आ चुके है व इस से बचने के लिए हम सब को सफाई, मास्क साबुन /सैनिटाइज़र से हाथ साफ करने चाहिए और एक दूसरे से उचित दुरी बनाये रखने पर विशेष धयान देना चाहिए इस मौके पर स्कूल के प्रिंसिपल व टीचर्स ने एडवोकेट भनोट का व डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विस का धयानवाद किया
लगभग 400 बच्चों ने कैंप मे भाग लिया