
'विश्व हिंदी दिवस' 10 जनवरी को मनाया जाता है. (सांकेतिक तस्वीर)
'विश्व हिंदी दिवस' से जुड़ी 10 अहम बातें
दुनियाभर में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिए पहला विश्व हिंदी सम्मेलन 10 जनवरी, 1975 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित किया गया था. इस सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे. 2006 के बाद से हर साल 10 जनवरी को विश्वभर में 'विश्व हिंदी दिवस' मनाया जाने लगा.
पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 10 जनवरी, 2006 को हर साल 'विश्व हिंदी दिवस' के रूप मनाए जाने की घोषणा की थी.
विदेशों में भारतीय दूतावास 'विश्व हिंदी दिवस' के अवसर पर विशेष आयोजन करते हैं. सभी सरकारी कार्यालयों में विभिन्न विषयों पर हिंदी में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.
नॉर्वे में पहला 'विश्व हिंदी दिवस' भारतीय दूतावास ने मनाया था. इसके बाद दूसरा और तीसरा हिंदी दिवस भारतीय नॉर्वे सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के तत्वाधान में लेखक सुरेशचन्द्र शुक्ल की अध्यक्षता में बहुत धूमधाम से मनाया गया था.
'विश्व हिंदी दिवस' के अलावा हर साल 14 सितंबर को 'हिंदी दिवस' मनाया जाता है. 14 सितंबर, 1949 को संविधान सभा ने हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिया था, तभी से इस दिन को 'हिंदी दिवस' के रूप में मनाया जाता है.
वर्तमान में विश्व के सैकड़ों विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाई जाती है और पूरी दुनिया में करोड़ों लोग हिंदी बोलते हैं. यही नहीं, हिंदी दुनियाभर में सबसे ज्यादा बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है.
दक्षिण प्रशांत महासागर के मेलानेशिया में फिजी नाम का एक द्वीप है. फिजी में हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया गया है. इसे फिजियन हिंदी या फिजियन हिंदुस्तानी भी कहते हैं. यह अवधी, भोजपुरी और अन्य बोलियों का मिलाजुला रूप है.
पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूजीलैंड, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिदाद, साउथ अफ्रीका और मॉरिशस समेत कई देशों में हिंदी बोली जाती है.
विश्व आर्थिक मंच की गणना के अनुसार हिंदी विश्व की 10 शक्तिशाली भाषाओं में से एक है.
साल 2017 में ऑक्सफोर्ड डिक्शनरी में पहली बार 'अच्छा', 'बड़ा दिन', 'बच्चा' और 'सूर्य नमस्कार' जैसे हिंदी शब्दों को शामिल किया गया था.