भारत बायोटेक के चेयरमैन ने कहा, "हम पर अनुभवहीन होने का आरोप न लगाएं, हम कई टीकों के निर्माता हैं"

कोरोना महामारी के बीच भारत के औषधि नियामक, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में दो टीकों के उपयोग को रविवार को मंजूरी दी है.

भारत बायोटेक के चेयरमैन ने कहा,

भारत बायोटेक के चेयरमैन ने कहा, हम डाटा को लेकर पूरी पारदर्शिता अपना रहे हैं

कोरोना महामारी के बीच भारत के औषधि नियामक, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने देश में दो टीकों के उपयोग को रविवार को मंजूरी दी है. DCGI ने जिन दो टीकों के सीमित आपात उपयोग की मंजूरी दी गई है, उनमें ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका के द्वारा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के साथ मिलकर तैयार कोविशील्ड तथा घरेलू दवा कंपनी भारत बायोटेक के द्वारा विकसित पूर्णत: स्वदेशी कोवैक्सीन शामिल है. भारत बायोटेक के चेयरमैन कृष्‍णा इल्‍ला ने कहा, "हम पर अनुभवहीन होने का आरोप न लगाएं, हम कई टीकों के निर्माता हैं" उन्‍होंने कहा, 'यह कहना गलत है कि हम डेटा को लेकर पारदर्शी नहीं हैं'  उन्‍होंने कहा, सारे डाटा पब्लिक डोमेन पर हैं और इसमें कुछ भी सीक्रेट नहीं है. 

उन्‍होंने कोवैक्‍सीन को दुनिया के सबसे सुरक्षित कोरोना वैक्‍सीन में से बताया. डॉ. कृष्‍णा इल्‍ला ने कहा, हमने वैश्विक स्‍तर पर 18 से अधिक क्‍लीनिकल ट्रायल किए हैं. हम इतनी बड़ी संख्‍या में क्‍लीनिकल ट्रायल करने वाले विकासशील देश की सबसे बड़ी कंपनी हैं.गौरतलब है कि भारत बायोटेक ने फेज 2 में 12-18 साल के बच्चों पर भी वैक्सीन का ट्रायल किया था. इसके आधार पर DCGI ने क्लिनिकल ट्रायल मोड में आपातकालीन हालत में वैक्सीन के सीमित इस्तेमाल की मंजूरी दी है और इसमें 12 वर्ष या इससे ऊपर के बच्चे भी शामिल हैं. हालांकि अभी सरकार की प्राथमिकता जिन 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने की है उनमें बच्चे शामिल नहीं हैं.

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बच्चों को भी लगाई जा सकती है भारत बायोटेक की कोवैक्सीन

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