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ऐसे पाएं गठिया जैसे रोगों से छुटकारा !

गठिया रोग में शरीर के छोटे जोड़ों में इन्फ़ेक्शन होने लगता है जिससे अपार पीड़ा होती है ओर रोगी अपने आप को  मजबूर समझने लगता है। इसके साथ ही साथ जोड़ों में दर्द ऐंठन, अकड़न ओर सूजन भी आने लगती है और जोड़ लाल हो जाते है ओर इनको छूने पे थोड़ा गरम महसूस होते है ओर धीरे धीरे यही हाल शरीर के अन्य जोड़ों का भी होता है ओर गठिया का रोग हल्के हल्के शरीर के हर एक जोड़ में होने लगता है ओर रोगी उठने बैठने या किसी काम को करने के किए सौ बार सोचता है ओर उसका जीवन पीड़ादायक ओर कठिनाइयों से भर जाता है । ये बीमारी मुख्य रूप से 40 से अधिक आयु के युवकों को होती है।
गठिया के बहुत से कारण हो सकते है परंतु  इसका मुख्य कारण है शरीर में युरिक ऐसिड की मात्रा जितनी होनी चाहिए उससे बढ़ जाना यानी की  7.5 mm/dl  से ज़्यादा हो जाए। आइये जाने आख़िर क्यूँ बढ़ जाता है युरिक ऐसिड- हमारी किड्नी यानी के गुर्दे पेशाब के ज़रिए युरिक ऐसिड को शरीर से बाहर निकालते रहते है किसी कारणवश अगर हमारे गुर्दे सही तरह से काम नहि कर रहे तो गुर्दे युरिक ऐसिड को पेशाब के रास्ते बाहर नहीं निकल पाता और रक्त में ही रहता है ओर हल्के हल्के शरीर के छोटे जोड़ ओर   बाद में हर छोटे बड़े जोड़ो में एकत्र होने लगता है जिससे जोड़ सूज जाते है और उन में बहुत पीड़ा होती है।
कुछ अन्य कारण भी जान लेते है जैसे
जल्दी जल्दी ब्लड प्रेशर का बढ़ या घट जाना यानी की हर घंटे घटना ओर बढ़ना, RBC यानी रक्त की लाल रंग की कोशिका का अचानक बढ़ जाना जिसे Polycythemia कहते है, पुरानी बदहज़मी, मदिरा का सेवन, भूखे रहने से भी युरिक ऐसिड रक्त में बढ़ने लगता है और विरासत या ख़ानदानी।
क्या है इस दर्दनाक बीमारी का इलाज
इस बीमारी का मुख्य कारण युरिक ऐसिड का बढ़ना है। आधुनिक चिकित्सा में युरिक ऐसिड को कम या पेशाब के ज़रिए निकालने की कई दवाइयाँ उपलब्ध है जैसे की Probencid या Allupurinol इसी तरह दर्द  और सूजन को कम करने की दवाइयाँ जैसे Diclofenac, Serratiopeptidase बाज़ार में उपलब्ध है।नियमित रूप से सुबह हल्का व्यायाम ज़रूर करें, संतुलित आहार ले जैसे की दही , खजूर , आड़ू इत्यादि।
फलों में विटामिन बी ओर सी की मात्रा भरपूर होती है जैसे निम्बू , संतरा , केला चीकू। अगर मधुमेह की बीमारी नहीं है तो गरमी के मौसम में आम का ज़रूर इस्तेमाल करें इससे अच्छी मात्रा में पोटेशियम प्राप्त होगा।
देर से हज़म होने वाले खाने ना खाए जैसे माँस, गोभी मशरूम, इत्यादि ओर कोल्ड ड्रिंक का प्रयोग करने से बचें।
कुछ आयुर्वेदिक ओर उनानी नुस्ख़े –
  • केसर 7  ग्राम, भांग  3.7  ग्राम को बकरी के दूध में पीस के मालिश करें।
  • लाल संदल को गुलाब जल ओर जामुन के सिरके में पीस ले फिर अहिस्ता जोड़ो पे लगाए।
  • 2  ग्राम भांग को मुर्ग़ी के अंडे की जरदी में मिला के ख़ूब मालिश करें।
  • काली खाशखाश को मल कर पीस ले फिर उसकी मालिश करें।

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