अगर आपके उम्र के साथ-साथ आपका दिल भी बूढ़ा हो चला हैं तो आप दु:खी ना हो क्योकि अगर आपको अभी-भी आपके दिल को पूरी तरह जवां बनाकर रखना हैं तो हम आपको बताते हैं ये कैसे संभव होगा। अगर आपने दिल के रोगों से दूर रहने के लिए मक्खन छोडक़र वनस्पति तेल के सेवन का फैसला लिया हैं, तो जरा ठहरिए। एक नए रिसर्च से यह पता चला है कि वनस्पति तेल दिल के रोग के जोखिमों को कम करने के लिए कोई खास मददगार नहीं है।
एक रिपोर्ट के अनुसार संतृप्त वसा के स्थान पर वनस्पति तेलों के इस्तेमाल से आपके दिल की सेहत में सुधार नहीं होने वाला। शोध में हालांकि पारंपरिक आहार के उन दिशा-निर्देशों को भी खारिज नहीं किया गया हैं, जिसके तहत असंतृत्प वसा के रूप में सोयाबीन, मक्का, जैतून और राई का तेल हृदय रोग के जोखिम कम करने के लिए जाना जाता है।
इस शोध पता चला हैं कि यह शोध त्रुतिपूर्ण हैं और इन निष्कर्षो की वजह से मौजूदा स्वास्थ्य आहार के दिशा-निर्देशों की अवहेलना नहीं की जानी चाहिए।
इस शोध के लिए प्रतिभागियों के आहार का आकलन किया गया था। इस दौरान शोधकर्ताओं को कुछ हैरान करने वाले नतीजे मिले। हालांकि वैज्ञानिकों का कहना हैं कि अभी इस जिज्ञासु अध्ययन को समझने में अधिक शोध की जरूरत हैं, जिसे कुछ हद तक ओहियो युनिवर्सिटी में पिछले माह हुए शोध ने समर्थन दिया है।
मधुमेह और हृदय रोग का जोखिम ऑलिव के तेल से नहीं, बल्कि अंगूर के बीजों से बने तेल और अन्य तेलों से कम हुआ था। इसमें लिनोलेनिक अम्ल की उच्च मात्रा होती हैं, जो शरीर में हृदय रोग के जोखिम बढ़ाने वाले वसा को कम करता है।
ओहियो युनिवर्सिटी से इस शोध की नेतृत्वकर्ता ने बताया, यहां समस्या यह हैं कि वनस्पति तेल काफी बदल चुके हैं। अब इनमें लीनोलेनिक अम्ल की उच्च मात्रा नहीं मिलती है।
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