WHO प्रमुख ने दी चेतावनी, कोरोना वायरस अंतिम महामारी नहीं, मानव नहीं संभला तो...

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस ने प्रकोप को लेकर पैसा बहाने को "खतरनाक रूप से अदूरदर्शी" चक्र कहा और इसकी निंदा की

WHO प्रमुख ने दी चेतावनी, कोरोना वायरस अंतिम महामारी नहीं, मानव नहीं संभला तो...

विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने कहा है कि कोरोना महामारी का दौर सबक लेने का समय है.

जिनेवा (स्विटजरलैंड):

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख टेड्रोस अधानोम घेब्रेयेसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा है कि कोरोनो वायरस (Coronavirus) संकट अंतिम महामारी नहीं है. पशु कल्याण और जलवायु परिवर्तन से निपटे बिना मानव स्वास्थ्य में सुधार के प्रयास के हम "अपराधी" हैं. उन्होंने प्रकोप को लेकर पैसा बहाने को "खतरनाक रूप से अदूरदर्शी" चक्र कहा और इसकी निंदा की. उन्होंने कहा कि ऐसा करके हम अगले दिन की तैयारी के लिए कुछ भी नहीं कर रहे. उन्होंने रविवार को आयोजित होने वाले महामारी की तैयारी के पहले अंतर्राष्ट्रीय दिवस (International Day of Epidemic Preparedness) पर एक वीडियो संदेश में यह बात कही. 

डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक ने कहा कि यह कोविड-19 महामारी से सबक सीखने का समय था. उन्होंने कहा कि "बहुत लंबे समय से दुनिया घबराहट और उपेक्षा के एक चक्र में चल रही है." 

उन्होंने कहा कि "हम एक प्रकोप से निपटने के लिए पैसा फेंकते हैं और जब वह खत्म हो जाता है तो हम उसके बारे में भूल जाते हैं. अगली स्थिति को रोकने के लिए कुछ भी नहीं करते हैं. यह खतरनाक रूप से अदूरदृष्टि है और साफ तौर पर समझना मुश्किल है."

वैश्विक तैयारियों की निगरानी बोर्ड की सितंबर 2019 में हैल्थ इमरजेंसी को लेकर विश्व तत्परता पर पहली वार्षिक रिपोर्ट कोरोना वायरस के संक्रमण से कुछ महीने पहले प्रकाशित हुई थी. उसमें कहा गया है कि यह दुखद है कि प्लानेट संभावित विनाशकारी महामारी के लिए तैयार नहीं है.

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टेड्रोस ने कहा कि "इतिहास गवाह है कि यह आखिरी महामारी नहीं होगी, महामारियां जीवन का एक तथ्य है."  उन्होंने कहा कि "इस महामारी ने मनुष्यों के स्वास्थ्य, जानवरों और प्लानेट के बीच अंतरंग रिश्तों को उजागर किया है."

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उन्होंने कहा कि "मानव स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कोई भी प्रयास तब तक किए जाते हैं जब तक कि वे मनुष्यों और जानवरों के बीच महत्वपूर्ण इंटरफेस पर केंद्रित नहीं होते. जलवायु परिवर्तन से अस्तित्व का खतरा है. यह हमारी पृथ्वी को कम रहने योग्य बना रहा है."