ऐस कहा जाता है की रोज़ नहाने से बीमारियां नहीं होती। बॉडी को रिलैक्स करने के हम रोज स्नान करते है। इसके लिए आप भाप स्नान भी कर सकते है और यह कई तरह की बीमारियों से भी बहुत राहत देता है।
माना जाता है की इसकी शुरुआत यूरोपीय देशों से हुई थी जो आज पूरे विश्व में अपनी प्रसिद्धी पा चुका है। स्पा बॉडी मसाज, सोना बाथ, स्टीम बाथ और बॉडी रैप का संयोजन है।
बॉडी को रिलैक्स करने, खूबसूरती बढ़ाने में इसका प्रयोग होता है। लेकिन किसी खास रोग में उपचार के तहत स्पा करा रहे हैं तो विशेषज्ञ की सलाह जरूरी है। इससे अनिद्रा, मोटापा, जोड़दर्द, बाल झडना, डिप्रेशन, मुंहासों के अलावा तनाव घटकर रक्तसंचार दुरुस्त होता है।
इसमें कई जड़ी-बूटियां, गुलाब, चमेली और लैवेंडर जैसी औषधियों के तेलों का प्रयोग होता है। तेल को माथे पर धार बनाकर डालते हैं। नाक, हथेली-हाथों पर भी इसका प्रयोग होता है जिससे थकान, सिरदर्द और तनाव दूर होता है।
यह थैरेपी त्वचा को मुलायम-चमकदार, मांसपेशियों को मजबूत और मेटाबॉलिज्म दुरुस्त रखती है। स्क्रब के रूप में यह रक्तसंचार सुधारकर जोड़ों के दर्द व त्वचा रोगों में लाभ होता है। इस थैरेपी में रोगी के शरीर पर हर्बल पेस्ट लगाने के बाद मसाज और अंत में गुनगुने पानी से स्नान कराते हैं।
इसमें औषधियुक्त तेलों से पूरे शरीर पर या दर्द और परेशानी वाले हिस्सों पर मालिश करते हैं। विशेषकर सिर, पैरों के पंजे और सभी अंगों के जोड़। इसमें विशेषज्ञ रोग के कारक पता लगाकर उसके अनुसार मेडिकेटेड तेल को चुनते हैं।
सुबह खाली पेट यह मसाज मानसिक-शारीरिक दोनों तरह से लाभकारी है। इससे रक्तसंचार दुरुस्त होकर इम्यूनिटी बढ़ती है। जोड़ों की अकडन दूर होने से विषैले तत्त्व बाहर निकलते हैं।
यह भी पढ़ें-