पंजाब में आढ़तियों के यहां छापे के जरिए किसान आंदोलन पर निशाना : अमरिंदर सिंह

सीएम के कार्यालय ने बयान में कहा कि पंजाब भर में कुल 14 आढ़तियों को आईटी विभाग से नोटिस मिला है.

चंडीगढ़:

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने शनिवार को केंद्र पर जमकर भड़ास निकाली, उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार द्वारा कमीशन एजेंटों जिन्हें आढ़तिया (Farm Agents) भी कहा जाता है उन्हें धमकाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि वो नए कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसानों का समर्थन कर रहे हैं. 

कैप्टन ने कहा कि पंजाब के कुछ आढ़तियों के खिलाफ आयकर छापे उनके लोकतांत्रिक अधिकार और स्वतंत्रता को रोकने के लिए एक स्पष्ट दबाव रणनीति है, उन्होंने कहा कि छापों के जरिए आढ़तियों को ‘‘डराने-धमकाने'' की कोशिश की जा रही है और इस तरह की ‘‘दमनकारी'' कार्रवाई का भाजपा के लिए उल्टा परिणाम होगा

यह भी पढ़ें- अमरिंदर सिंह का अरविंद केजरीवाल पर एक और हमला, बताया - 'एक बड़ा फ्रॉड'

सीएम के कार्यालय ने बयान में कहा कि पंजाब भर में कुल 14 आढ़तियों को आईटी विभाग से नोटिस मिला है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह स्पष्ट है कि कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के लंबे समय तक जारी विरोध को समाप्त करने में, किसानों को मनाने में, उन्हें विभाजित करने में और गुमराह करने में विफल रहने के बाद  केंद्र सरकार अब आढ़तियों को निशाना बनाकर उनके संघर्ष को कमजोर करने की कोशिश कर रही है, जो पहले दिन से आंदोलन का सक्रिय समर्थन कर रहे हैं. 

नोटिस जारी करने के महज चार दिनों के भीतर पंजाब के कई प्रमुख आढ़तियों के परिसर में कर छापे मारे गए, वो भी नोटिसों के जवाब की प्रतीक्षा किए बिना,कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसे कानून की नियत प्रक्रिया का स्पष्ट दोष करार दिया.

यह भी पढ़ें- रक्षा समिति की बैठक से राहुल गांधी का बहिर्गमन ‘‘पूरी तरह उचित'' : अमरिंदर सिंह

मुख्यमंत्री ने पूछा "केंद्र द्वारा प्रतिशोध की राजनीति का स्पष्ट मामला नहीं है तो और यह क्या है," जो किसानों के विरोध को हुक (फंसाना) या क्रुक (धोखेबाज) द्वारा ध्वस्त करने पर आमादा है?

यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने के लोगों के अधिकार को बरकरार रखा, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के कार्यों ने शीर्ष अदालत के निर्देशों और संविधान की भावना का घोर उल्लंघन किया, जिसने हर नागरिक को अपनी आवाज उठाने का अधिकार दिया.

Newsbeep

यह भी पढ़ें-अमरिंदर सिंह का केजरीवाल पर तंज, कहा- क्या उन्हें गेहूं और धान के बीच का अंतर पता है?

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com


मुख्यमंत्री ने कहा कि यह "दुर्भाग्यपूर्ण" है कि किसानों की आवाज सुनने के बजाय, जो तीन सप्ताह से अधिक समय से ठंड और महामारी से जूझ रहे हैं, विरोध के दौरान लगभग दो दर्जन लोगों की जान चली गई, लेकिन केंद्र सरकार उनकी इच्छाशक्ति को तोड़ने के लिए सभी प्रकार के सस्ते हथकंडों का सहारा ले रही है.