ओडिशा की कक्षा 3 की छात्रा ने इकट्ठा किए विभिन्न देशों के 5,000 से अधिक माचिस के डब्बे

दिव्यांशी ने अब तक विभिन्न देशों के 5,000 से अधिक माचिस एकत्र कर चुकी है. बता दें कि दिव्यांशी के कलेक्शन में भारत के अलावा भी अलग अलग देशों का माचिस बॉक्स है.

ओडिशा की कक्षा 3 की छात्रा ने इकट्ठा किए विभिन्न देशों के 5,000 से अधिक माचिस के डब्बे

ओडिशा की कक्षा 3 की छात्रा ने इकट्ठा किए विभिन्न देशों के 5,000 से अधिक माचिस के डब्बे

भुवनेश्वर :

बहुत से लोगों को अलग अलग जगहों पर जाकर वहां की तस्वीरें इकट्ठा करना पसंद होता है, तो कुछ को अलग अलग खाने की डिशेज बनाना. आपने बहुत से लोगों को सिक्के इक्ट्ठा करते हुए देखा होगा और कुछ लोगों को अलग-अलग देशों के टिकट. लेकिन, ओडिशा की एक लड़की को इनसब से हटकर एक अजीब शौक है. भुवनेश्वर की इस तीसरी कक्षा की छात्रा दिव्यांशी को दुनिया भर से माचिस के डब्बे इकट्ठा करने का शौक है.

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इस लड़की का नाम दिव्यांशी है. इसने अब तक विभिन्न देशों के 5,000 से अधिक माचिस के डब्बे इक्ट्ठा किए हैं. बता दें, कि दिव्यांशी के कलेक्शन में भारत के अलावा भी कई अलग-अलग देशों के माचिस के डब्बे हैं. हालांकि, दिव्यांशी कभी विदेश नहीं गई है. उसने बताया, कि वो अक्सर अपने रिश्तेदारों से कहती है कि जब भी वे विदेश जाएं तो उसके लिए माचिस का एक डब्बा लाएं. दिव्यांशी के पास फिलहाल नेपाल, पोलैंड, भूटान, जापान, बांग्लादेश सहित दुनिया भर के विभिन्न देशों से माचिस हैं.

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दिव्यांशी का कहना है कि उसे यह शौक अपने पापा की वजह से हुआ है. दिव्यांशी के पाप वन्यजीव फोटोग्राफर हैं और वो जब भी बाहर जाते थें तो वहां से माचिस का एक डब्बा ले आया करते थे. दिव्यांशी ने बताया कि “मेरे पिता एक वन्यजीव फोटोग्राफर हैं और बहुत यात्रा करते है. मैं अपने रिश्तेदारों को भी मेरे पास माचिस लाने के लिए कहती हूं. मैंने उन्हें विभिन्न विषयों के अनुसार व्यवस्थित किया है. मेरे पिता एक वन्यजीव फोटोग्राफर हैं. वे बहुत यात्रा करते हैं और वह वहाँ से माचिस का डब्बा लेकर आते हैं.” फिर मैंने इसे इकट्ठा करना शुरू कर दिया.