बर्फीली डल झील में BJP नेता कर रहे थे चुनाव प्रचार, पलट गई शिकारा, बाल-बाल बचे नेता और पत्रकार

जम्मू-कश्मीर में आठ चरणों में डीडीसी चुनाव हो रहे हैं. इसी के मद्देनजर बीजेपी ने डल झील में शिकारा कैम्पेन चलाया था, जिसके तहत बीजेपी के नेता पर्यटकों के इस आकर्षण केंद्र में नाव पर सवार हो प्रचार कर रहे थे.

बर्फीली डल झील में BJP नेता कर रहे थे चुनाव प्रचार, पलट गई शिकारा, बाल-बाल बचे नेता और पत्रकार

श्रीनगर की डल लेक में बीजेपी के चुनाव प्रचार के दौरान शिकारा पलट गई, सभी को सुरक्षित बचा लिया गया.

खास बातें

  • श्रीनगर की डल झील में पलटी शिकारा, बाल-बाल बचे बीजेपी नेता
  • डीडीसी चुनावों में प्रचार कर रही थी बीजेपी, नौका पर सवार थे कई पत्रकार
  • बर्फीली झील से सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया, तापमान काफी कम था
श्रीनगर:

जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) की राजधानी श्रीनगर के डल झील (Dal Lake) में एक बड़ा हादसा टल गया. जिला विकास परिषद चुनाव (District Development Council Election) प्रचार कर रहे बीजेपी नेताओं की नाव (शिकारा) बर्फीली झील में पलट गई. हालांकि, नाव पर सवार सभी नेताओं और पत्रकारों को बचा लिया गया. नाव पर बीजेपी के चार नेता सवार थे. डीडीसी चुनाव के मद्देनजर बीजेपी ने डल झील में शिकारा कैम्पेन चलाया था, जिसके तहत बीजेपी के नेता पर्यटकों के इस आकर्षण केंद्र में नाव पर सवार हो प्रचार कर रहे थे. उसकी कवरेज के लिए बड़ी संख्या में फोटो पत्रकार भी नाव पर सवार थे.

बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन ने NDTV को बताया कि किनारे पर पहुंचने के बाद शिकारा पलट गई. उन्होंने कहा कि कई पत्रकार नाव पर थे. सभी सुरक्षित हैं. हुसैन ने कहा, "नाव पर कई मीडियाकर्मी सवार थे. शुक्र है कि हर कोई सुरक्षित है. डल झील पर यह एक बहुत अच्छी रैली थी. नाव जब तट पर पहुंची, तो वह पलट गई लेकिन सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया."

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यह हादसा जम्मू-कश्मीर में जिला विकास परिषद चुनाव के छठे चरण के चुनाव के दिन हुआ.  राज्य के केंद्र शासित प्रदेश के रूप में पुनर्गठित किए जाने के बाद यह पहला चुनाव है. कुल आठ चरणों में होने वाले चुनावों में 7.48 लाख से अधिक मतदाता 100 महिला उम्मीदवारों समेत कुल 245 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे.

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बता दें कि शिकारा एक प्रकार की लकड़ी की नाव है जिसका उपयोग श्रीनगर में अधिकांश जल निकायों में परिवहन के लिए किया जाता है. यह जम्मू और कश्मीर में एक सांस्कृतिक प्रतीक भी है.