भारत के पहले mRNA टीके को मानव परीक्षण की मिली मंजूरी, कोरोना के खिलाफ पहली बड़ी कामयाबी

पुणे की कंपनी जिनोवा इस mRNA वैक्सीन का विकास कर रही है. केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इस mRNA वैक्सीन के मानव परीक्षण को स्वीकृति दे दी गई है जिनोवा अमेरिकी कंपनी एचडीटी बायोटेक कारपोरेशन के साथ मिलकर इस वैक्सीन का विकास कर रही है.

भारत के पहले mRNA टीके को मानव परीक्षण की मिली मंजूरी, कोरोना के खिलाफ पहली बड़ी कामयाबी

mRNA वैक्सीन के मानव परीक्षण को स्वीकृति दे दी गई है

नई दिल्ली:

भारत के पहले mRNA टीके को मानव परीक्षण की मंजूरी मिल गई है. इसे कोरोना के खिलाफ पहली पड़ी कामयाबी माना जा रहा है, पुणे की कंपनी जिनोवा इस mRNA वैक्सीन का विकास कर रही है. केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इस mRNA वैक्सीन के मानव परीक्षण को स्वीकृति दे दी गई है. 

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भारत के पहले mRNA टीके को मानव परीक्षण की मंजूरी मिल गई है. इसे कोरोना के खिलाफ पहली पड़ी कामयाबी माना जा रहा है, पुणे की कंपनी जिनोवा इस mRNA वैक्सीन का विकास कर रही है. केंद्र सरकार ने एक बयान में कहा कि इस mRNA वैक्सीन के मानव परीक्षण को स्वीकृति दे दी गई है. जिनोवा अमेरिकी कंपनी एचडीटी बायोटेक कारपोरेशन के साथ मिलकर इस वैक्सीन का विकास कर रही है. एमआरएनए (mRNA) वैक्सीन प्रतिरक्षा क्षमता के पारंपरिक मॉडल पर काम नहीं करती.

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mRNA वैक्सीन वायरस के कृत्रिम आरएनए के जरिये शरीर में ऐसे प्रोटीन पैदा करती है, जो कोरोना वायरस से लड़ने में कारगर होती है. mRNA वैक्सीन को ज्यादा सुरक्षित माना जाता है, क्योंकि यह यह गैर संक्रामक और गैर एकीकृत होती है. अमेरिकी कंपनी फाइजर और मॉडर्ना भी जो वैक्सीन बना रहे हैं, वे भी mRNA मॉडल पर काम करती हैं. दोनों कंपनियों का कहना है कि ये वैक्सीन 90 फीसदी प्रभावी हैं.