चंडीगढ़: आशिम खेतरपाल रचित पुस्तक को मंदिर की कमेटी व जाने माने साहित्यकार प्रेम विज , भंडारी अदबी ट्रस्ट के अशोक भंडारी व प्रसिद्ध थियेटर कलाकार विजय कपूर व मंदिर कमेटी के सचिव मनीष गुप्ता, प्रबंधक सुभाष द्वारा रिलीज किया गया व सिरोपा देकर सम्मानित किया गया
साईं वुभूति पुस्तक में साईं विभूति की महत्ता व विभूति द्वारा भक्तों के कल्यणकारी प्रभाव व अनगिनत चमत्कारों का विवरण है। लेखक आशिम का जीवन साईं विभूति के चमत्कार के परिणामस्वरूप ही बच पाया । इसीलिए औषिम ने अपना जीवन साईं बाबा को समर्पित कर दिया व बाबा के जीवन व चमत्कारों पर 45 पुस्तकें लिख डाली । कैसे साईं बाबा अपने भक्तों को विभूति से चमत्कारी आशीर्वाद प्रदान करते थे व क्या है इसका आध्यात्मिक महत्व बयान किया है लेखक ने । विभूति शिव की पवित्र चीजों में से एक मानी जाती है।
आशिम ने बताया कि सबका मालिक एक यानी साईंबाबा जिन्हें एक भारतीय गुरु, योगी और फकीर के रूप में जाना जाता था। इनकी कई कहानियां प्रचलित है जिसे मेरे द्वारा टेलीविजन में इनको नाट्य रूपातंरण में प्रसारित किया जा चुका है। मेरी कई फिल्में भी बन चुकी है। साईं बाबा का न कोई धर्म था। साईं को हर धर्म में मान्यता प्राप्त है। हर धर्म के लोग इनके प्रति आस्था रखते थे। ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि साईं बाब का कोई धर्म था। तभी को उन्होंने कहा था कि सबका मालिक।मेरी फिल्मों और पुस्तकों की कहानियों के माध्यम से साईं बाबा के कई चमत्कार से रूबरू हो चुके है।