ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों एवं धातुओं के बीच गहरा संबंध है,और ग्रहों की ही भांति धातुओं की अपनी एक अलग प्रकृति भी होती है। इसी वजह से पुराने समय में राजा-महाराजा लोग धातु लाभ को लेने हेतु लोहे व तांबे से बने पात्रों में खाना बनवाया करते थे और सोने व चांदी के बने बर्तनों में ही खाना खाया करते थे। ऐसा इसलिए कि ऐसा करने के बाद उनके शरीर के अंदर धातु तत्व पहुंच सके और सारे ग्रह उन्ही के अनुकूल रहें। हर धातु से एक अलग ही धारा प्रवाहित हुआ करती है।
इसी प्रकार प्रत्येक लोगों को अपने हाथों में अंगूठि पहनना पसंद होता है। आपको बता दें कि अंगूठी को पहनने से भी आपके शरीर के अंदर धातु की पूर्ति होती है। आप भी सोने चांदी की अंगूठी पहनते ही होंगे। हिन्दू धर्म के अनुसार सोना, चांदी व तांबा, इन तीनों धातुओं को पवित्र माना गया हैं। इसी कारण पूजा-पाठ इत्यादि में भी इन तीन धातुओं का प्रयोग अधिक होता है। आपको पता होगा कि इन धातुओं से बनी अंगूठी भी कई लोग पहना करते हैं। आज आप जानेंगे कि अंगूठी पहनने से क्या क्या फायदा होता है।
-अगर आप ताँबे की अंगूठी पहने तो उसे अपनी सूर्य की उंगली मतलब रिंग फिंगर में पहनें। ऐसा करने से आपकी कुंडली से सूर्य ग्रह का असर कम होगा।
-सूर्य के ही साथ साथ तांबे की बनी अंगूठी से मंगल ग्रह के अशुभ असर को भी कम करती है।
-ये अंगूठी प्रतिक्षण हमारे देह के संपर्क में भी रहती है। इससे तांबे धातु के औषधीय गुण हमारे शरीर को मिलते रहते हैं। इससे हमारा रक्त भी साफ होता है।
-तांबे की अंगूठी से आपके पेट संबंधी बीमारियां भी काम होती है।
-ताँबे के लगातार हमारी त्वचा के संपर्क में रहने से त्वचा में चमक बढ़ती है।
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