छत्तीसगढ़ : धान का रकबा गलत दर्ज होने के बाद किसान ने की आत्महत्या, पटवारी निलंबित

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में धान का रकबा कथित तौर पर गलत दर्ज होने के बाद एक किसान ने आत्महत्या कर ली. जिला प्रशासन ने इस घटना के बार कार्रवाई करते हुए क्षेत्र के पटवारी को निलंबित कर दिया है और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

छत्तीसगढ़ : धान का रकबा गलत दर्ज होने के बाद किसान ने की आत्महत्या, पटवारी निलंबित

प्रतीकात्मक तस्वीर

कोंडागांव :

छत्तीसगढ़ के कोंडागांव जिले में धान का रकबा कथित तौर पर गलत दर्ज होने के बाद एक किसान ने आत्महत्या कर ली. जिला प्रशासन ने इस घटना के बार कार्रवाई करते हुए क्षेत्र के पटवारी को निलंबित कर दिया है और तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.

पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि जिले के मारंगपुरी गांव में किसान धनीराम (45) ने बुधवार को खेत में फांसी लगाकर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली. उन्होंने बताया कि घटना की सूचना के बाद क्षेत्र के लिए पुलिस दल रवाना किया गया था तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था.

पुलिस मामले की जांच कर रही है. किसान धनीराम की पत्नी सुमित्रा मरकाम ने स्थानीय संवाददाताओं को बताया कि धनीराम धान नहीं बेच पाने के कारण तनाव में था. उनके पास छह एकड़ से अधिक जमीन है, जिस पर लगभग 100 क्विंटल धान का पंजीयन होना था. लेकिन जब उसके पति ने अपने एक रिश्तेदार को टोकन के लिए स्थानीय सोसायटी में भेजा, तब उसे जानकारी मिली कि वह 11क्विंटल धान ही बेच सकेगा.

धनीराम की पत्नी ने बताया कि धनीराम ने बैंक से 61,932 रूपए का कर्ज लिया था. साथ ही, व्यापारियों से भी उसने कर्ज लिया था. धनीराम कर्ज को लेकर परेशान था. कोंडागांव जिले के जिलाधिकारी पुष्पेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि किसान आत्महत्या के इस मामले में अनुविभागीय अधिकारी से जांच रिपोर्ट मांगी गई. 

जांच रिपोर्ट के अनुसार दो वर्ष पहले धनीराम के पुत्र की मृत्यु हो गई थी. इससे धनीराम अवसाद में था और वह शराब का सेवन करने लगा था. मीणा ने बताया कि जांच प्रतिवेदन में पाया गया है कि धनीराम ने 2.713 हेक्टेयर भूमि पर धान बोया गया था, लेकिन त्रुटिवश 0.320 हेक्टेयर में धान की प्रविष्टि हो गयी थी जिससे वह मानसिक रूप से व्यथित था. लेकिन उसने इस संबंध में प्रशासन को कोई सूचना नहीं दी थी.

उन्होंने बताया कि पटवारी द्वारा कि गई लापरवाही के कारण उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है तथा संबंधित तहसीलदार को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है.

उन्होंने बताया कि जिले में इस तरह अन्य घटना ना हो इसके लिए किसानों के लिए हेलपलाईन नंबर जारी किया गया है तथा एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की गई है. साथ ही आगामी तीन दिनों के भीतर धान के रकबे में कमी तथा पंजीयन संबंधी समस्याओं को संकलित करने के लिए सभी पटवारियो को निर्देश दिया गया है.

राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने इस घटना के बाद ट्वीट कर कहा, ‘‘सरकार के कुशासन और कुनीतियों ने फिर एक किसान की जान ले ली. संवेदनहीन सरकार अब किसान को नशेड़ी बताने पर तुली है, किसान पुत्र होने का स्वांग रचने वाले मुख्यमंत्री को शर्म भी नहीं आती. सरकार के पापों का घड़ा भर गया है, अब किसान करेंगे न्याय!''

Newsbeep

(अगर आपको सहायता की ज़रूरत है या आप किसी ऐसे शख्‍स को जानते हैं, जिसे मदद की दरकार है, तो कृपया अपने नज़दीकी मानसिक स्‍वास्‍थ्‍य विशेषज्ञ के पास जाएं)

Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com


हेल्‍पलाइन : 1) वंद्रेवाला फाउंडेशन फॉर मेंटल हेल्‍थ - 1860-2662-345 अथवा help@vandrevalafoundation.com 2) TISS iCall - 022-25521111 (सोमवार से शनिवार तक उपलब्‍ध - सुबह 8:00 बजे से रात 10:00 बजे तक)



(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)