दिल्ली के बुराड़ी डीडीए मैदान में कंपकपाती ठंड के बीच किसान अपनी मांगो को लेकर डटे हुए हैं। उनका कहना हैं कि वे हक मांगने आए हैं, भीख नहीं। केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि बिलों को किसान विरोधी बताते हुए प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हैं। सभी किसानों का एक स्वर में कहना है कि ‘हम बिल वापस कराए बिना नहीं लौटेंगे।’ उनका कहना है घर के खर्च से लेकर बच्चों की पढ़ाई, बेटी का ब्याह और सब काम के लिए किसान फसल बिक्री पर निर्भर हैं।
किसानों का कहना है कि केंद्र के कृषि बिलों के बाद हम अपनी फसलों पर अपना नियंत्रण खो देंगे। आंदोलन का हिस्सा रहे किसान कहते हैं ‘हम लोग तो यहां आ गए हैं, लेकिन हमारे कई साथी सिंघू बार्डर पर हैं। हम भी जंतर-मंतर जाने के लिए एकत्रित हुए हैं, लेकिन हमें जंतर मंतर जाने नहीं दिया जा रहा है।’
आंदोलनकारी किसान कहते है हम लोकतांत्रिक देश में हैं। क्या हमें सरकार के विरोध का अधिकार भी नहीं है ? हमें जंतर मंतर न जाकर बुराड़ी मैदान लाया गया, जहां हम शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे हैं।’ बता दे किसान राशन, लकड़ी और बाकी सामान लाए हैं और बिल वापस कराकर जाने के फैसले पर दृढ़ हैं।