Farmers Protest LIVE: दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान बुराड़ी आने को नहीं तैयार, BJP के शीर्ष नेतृत्व ने किया मंथन

तीन कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसकी सीमा पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है. कानून के खिलाफ नाराजगी जताते हुए किसान आज भी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं.

Farmers Protest LIVE: दिल्ली बॉर्डर पर डटे किसान बुराड़ी आने को नहीं तैयार, BJP के शीर्ष नेतृत्व ने किया मंथन

सिंघु बॉर्डर पर किसानों को प्रदर्शन जारी

तीन कृषि कानूनों के विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उसकी सीमा पर किसानों का धरना-प्रदर्शन जारी है. कानून के खिलाफ नाराजगी जताते हुए किसान आज भी सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान बुराड़ी के निरंकारी मैदान में शिफ्ट होने के लिए राजी नहीं हुए हैं. रविवार दोपहर हुई किसान संगठनों की बैठक में किसान नेताओं ने सरकार के सशर्त वार्ता के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है. साथ ही सरकार से सवाल पूछा है कि किसने आपसे इन तीन कानूनों को लाने की मांग की थी. किसान आंदोलन के बीच, रविवार रात को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा के घर अहम बैठक हुई. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर मौजूद रहे. करीब 2 घंटे तक चली इस बैठक में किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई और सारे हालात की समीक्षा की गई. सूत्रों ने यह जानकारी दी. 
 

Nov 30, 2020 11:03 (IST)
कानून रद्द होने तक दिल्ली में डटे रहेंगे : आंदोलनरत किसान
दिल्ली के बुराड़ी के निरंकारी मैदान में किसान कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं.  एनडीटीवी के संवाददाता ने प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत की. फरीदकोट के किसान दिलीप सिंह और बिंदा सिंह से बात की. उनका कहना सब किसान अब यहां नही आ सकते हैं. किसान बिना वजह घर छोड़कर प्रदर्शन नही कर रहे हैं. बात लीडर से करें. हम वापस चले जायेंगे. अपना राशन लेकर आए हैं. जब तक कानून रद्द नहीं होगा, नही जाएंगे. लोगों की समस्या सरकार हल कर देगी. वो हमारी बात मान ले. ये कानून किसान के हित में नहीं है. 

Nov 30, 2020 10:55 (IST)
किसानों का प्रदर्शन राजनीतिक नहीं : अमित शाह
समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरुद्ध हजारों किसानों के आंदोलन के बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को कहा कि ये कानून किसानों के कल्याण के लिए हैं और उनका आंदोलन अराजनीतिक है. शाह ने संवाददाताओं से कहा, ''नये कृषि कानून किसानों के कल्याण के लिए हैं. लंबे समय बाद किसान एक बंधन वाली व्यवस्था से बाहर आ रहे हैं.''उन्होंने कहा, ''जो भी राजनीतिक रूप से इनका विरोध करना चाहते हैं, करते रहें. मैंने कभी नहीं कहा कि किसानों का प्रदर्शन राजनीतिक है और ना कभी कहूंगा.''
Nov 30, 2020 09:13 (IST)
दिल्ली बॉर्डर पर डटे रहे किसान
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, कृषि कानूनों के विरोध में सिंघु बार्डर पर किसानों का प्रदर्शन सोमवार को भी जारी रहा. किसान बुराड़ी में शिफ्ट होने के लिए तैयार नहीं हैं. v
Nov 30, 2020 09:10 (IST)
किसान संगठनों ने दी दिल्ली के सभी प्रवेश मार्गों को बंद करने की चेतावनी
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, नये कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर पिछले चार दिन से प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों ने प्रदर्शनकारियों के उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में जाने के बाद बातचीत शुरू करने के केंद्र के प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया और कहा कि वे कोई सशर्त बातचीत स्वीकार नहीं करेंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि वे राष्ट्रीय राजधानी में आने वाले सभी पांच प्रवेश मार्गो को बंद कर देंगे.
Nov 30, 2020 09:07 (IST)
हरियाणा की कई खापों ने किसान आंदोलन में शामिल होने का निर्णय लिया
समाचार एजेंसी भाषा के मुताबिक, हरियाणा की कई खापों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसानों के ''''दिल्ली चलो'''' आह्वान में शामिल होने का रविवार को निर्णय लिया. हरियाणा की दादरी सीट से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने बताया कि रोहतक में हुई 30 खापों (जाति परिषद) के प्रमुखों की बैठक में यह निर्णय लिया गया. वह ''सांगवान खाप'' के प्रमुख भी हैं. उन्होंने कहा, ''बैठक में भाग लेने वाली सभी खापों ने दिल्ली सीमा पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों का आम सहमति से समर्थन करने का फैसला किया.''