3 दिसम्बर तक सिरसा में संजीव सिंगल के आवास पर होगी उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल की धर्मपत्नी एवं उड़ीसा की प्रथम महिला श्रीमती सुशीला देवी की शोक बैठक

सिरसा, 26 नवम्बर । उड़ीसा के राज्यपाल प्रो. गणेशी लाल की धर्मपत्नी एवं उड़ीसा की प्रथम महिला श्रीमती सुशीला देवी के निधन पर सिरसा में उनके ज्येष्ठ सुपुत्र संजीव सिंगल के आवास पर काफी संख्या में लोग शोक व्यक्त करने पहुंच रहे हैं। वहीं महिलाएं भी  उनकी पुत्रवधु कविता सिंगल को ढांढस बंधा रही हैं। नंदन वाटिका के पीछे अग्रसेन कॉलोनी स्थित उनके आवास पर जेजेपी नेता राजेन्द्र गनेरीवाला, प्रोपर्टी डीलर एसोसिएशन के प्रधान राम अवतार हिसारिया, समाजसेवी होशियार चन्द शर्मा, सुशील रोहतकी, तरूण गोलछा, व्यापारी नेता हीरा लाल शर्मा, अंजनी कनोडिया, आजतक हरियाणा के प्रधान संपादक अंजनी गोयल, पत्रकार महेश शर्मा, सतपाल मेहता, प्रो. दयानंद शर्मा, सीए राजेन्द्र अग्रवाल, दीन दयाल कंदोई एडवोकेट, ओम प्रकाश खेतड़ीवाला, अरूण तलवाडिय़ा, नरेश गोयल, अजय अग्रवाल, ऐलनाबाद से पवन गोयल, भाजपा नेता सुरेश पंवार, रमेश जैन, हरपिन्द्र शर्मा, नवीन रोड़ी वाला, कुलदीप मित्तल, डॉ. जीएस गुप्ता, डॉ. मुकेश मक्कड़, पवन अग्रवाल, भारत भूषण घी वाले पहुंचे और अपनी ओर से संवेदनाएं व्यक्त की। इसके अलावा शहर के अनेक धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक व अन्य संगठनों के पदाधिकारियों ने भी संजीव सिंगला के आवास पर पहुंचकर शोक जताया और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।

प्रो. गणेशी लाल की धर्मपत्नी के निधन पर ज्येष्ठ पुत्र संजीव सिंगल के आवास पर शोक व्यक्त करने पहुंच रहे हैं लोग |

उल्लेखनीय है कि उड़ीसा की प्रथम महिला व हरियाणा की बेटी श्रीमती सुशीला देवी का 22 नवम्बर को भुवनेश्वर में निधन हो गया था। 23 नवम्बर को पुरी में उनका राजकीय सम्मान के साथ संस्कार हुआ। दिवंगत सुशीला देवी के निमित्त शोक सभा 3 दिसम्बर को उड़ीसा के राजभवन में होगी। सिरसा में नंदन वाटिका के पीछे अग्रसेन कॉलोनी में उनके ज्येष्ठ पुत्र संजीव सिंगला अपने परिवार सहित रहते हैं और 3 दिसम्बर तक यहां भी पर शोक बैठक होगी। श्रीमती सुशीला देवी का जन्म हिसार के सातरोड़ में चांद देवी व नानुराम गोयल के घर 6 दिसम्बर 1946 को हुआ था। 1 जुलाई 1964 को प्रो. गणेशी लाल के साथ परिण्य सूत्र में बंधी। वह अपने पीछे 4 बेटी व 3 बेटों का भरापूरा परिवार छोड़कर गई हैं। धार्मिक विचारों वाली श्रीमती सुशीला देवी ने अपना जीवन सामाजिक सेवाओं में बिताया और वह श्याम बाबा की परमभक्त थीं।

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