लोगों का ऐसा मानना है की छोटी बड़ी बातों पर रोने वाले लोग कमज़ोर होते हैं। मगर ऐसा नही है जिन लोगों को असानी से रोना आ जाता है वो दिल के बहुत साफ होते हैं और कमजोर नही बल्कि भावनाओ से मजबूत होते हैं।
रोने से मन की नकारात्मकता खत्म होती है
जब आप हँसने से पहले कभी झिझकते नही तो रोने मे केसा संकोच, अगर किसी गिले शिकवे को मन मे ही रखेंगे तो आप ना ही खुद को और ना ही किसी और को दूसरा मौका दे पायेंगे। इसीलिये किसी बात पर रोने का मन होता है तो सोचना नही चाहिए। रोने से मन सकारात्मक होता है और अच्छे खयाल आते हैं।
कम रोना और भावनाओ को छुपाना ही कमजोरी है
किसी बात का बुरा लगे और हम रोने से खुद को रोकते हैं तो हम कमजोर हैं। जो लोग किसी के सामने रोने से नही शर्माते वो निडर होते हैं। उन्हे सही गलत की जानकारी बहुत अच्छे से होती है। ऐसे लोग अपनी अच्छी बुरी किसी भी भावना को नही छुपाते।
रोने से रिश्तों पर गहरा असर
अगर आप किसी से खुश हैं तो उस बात को आप आसानी से जाहिर करते हैं लेकिन अगर नाराज हैं या किसी अपने की बातों का आपको बुरा लगता है तो आप उनसे बात करना बंद मत करिये। बल्कि अपनी भावनाओ को बयान करिये। ऐसा करने से रिश्ते मजबूत बनते हैं और दिल का बोझ हल्का हो जाता है।