
कोरोना ने दीवाली के समय पर मोमबत्ती और दिए बेचने वालों के काम पर असर डाला है.
दीवाली से पहले आमतौर पर मुम्बई की सड़कों पर खरीदारों की भारी भीड़ मौजूद रहती है पर इस साल कोरोना का असर व्यापार पर देखने मिल रहा है. पहली बार विक्रेता ग्राहकों का इंतज़ार करते नज़र आ रहे हैं.
विक्रेता जानकाबाई काले ने बताया, ''पिछले साल व्यापार अच्छा था, लेकिन इस साल कुछ भी नहीं है.ना ही कोई ग्राहक आ रहा है, ना ही खरीदारी हो रही है.'' 60 साल की जानकाबाई मुम्बई से सटे वाशी से दादर में दीवाली के समय मोमबत्ती बेचने आती हैं. घर के आर्थिक हालात ठीक नहीं हैं, ऐसे में दीवाली के समय मोमबत्ती बेच कुछ पैसे कमा लेती थीं. लेकिन इस साल वो भी होता नजर नहीं आ रहा.
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यही हाल ज्ञानदेव गुरव का भी है. 20 साल से दीवाली के समय यह मोमबत्ती बेचने का काम करते हैं, लेकिन इस साल व्यापार मंदा है. ज्ञानदेव गुरव ने कहा, ''आज सुबह से केवल 3 ग्राहकों ने खरीदी की है. नहीं तो अबतक 10-20 पीस बिक जाया करते थे.''
राजू गुप्ता रंगोली और दीये बेचते हैं. उन्होंने 10 हज़ार रुपये का सामान ख़रीदा कि बेच कर कुछ पैसे कमा लेंगे. लेकिन कोरोना और लोकल ट्रेन बंद होने की वजह से ग्राहक कम हैं, साथ ही ऑनलाइन खरीदारी का असर जेब पर पड़ा है. राजू गुप्ता ने बताया, ''पहले दीवाली अच्छा होती था, अब हालात बहुत बुरे चल रहे हैं. 100 परसेंट में 25 परसेंट भी व्यापार नहीं है. हर दिन 5 से 6 हज़ार रुपयों का व्यापार होता था, अब 800 से 1000 का व्यापार होता है. दो दिन से लगा रहा हूं. कल केवल 800 रुपये कमाए. दिवाली कैसे गुजरेगी.''
दीए और रंगोली के साथ ही दिवाली में लोग कपड़े भी बड़े पैमाने पर खरीदते हैं, पर इस साल वो भी होता नजर नहीं आ रहा. विक्रेता परेशान हैं. दिनकर गावड़े ने बताया, ''पहले बहुत ग्राहक रहते थे, अब कुछ भी नहीं हैं. ट्रेन बंद होने की वजह से कोई नहीं आ रहा.''