
तमिलनाडु के तूतीकोरिन में जून महीने में पुलिस हिरासत में एक पिता-बेटे की हुई मौत पर सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि दोनों को पुलिसवालों ने छह घंटों तक प्रताड़ना दी थी. फोरेंसिक सबूतों में सामने आया है कि उन्हें इतनी बुरी तरह से प्रताड़ित किया गया था कि पुलिस स्टेशन की दीवारों पर खून के छींटे पड़े थे.
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बता दें कि जयराज और उनके बेटे बेनिक्स को 10 जून को उनकी दुकान लॉकडाउन गाइडलाइंस के तहत दिशा-निर्देशों से 15 मिनट तक ज्यादा खुली रखने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. पहले पुलिसवालों ने जयराज को हिरासत में लिया था, बेनिक्स इसके बाद पुलिस स्टेशन पहुंचा तो पुलिस ने उसे भी गिरफ्तार कर लिया था.
सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि पिता-पुत्र को 'रात पौने आठ से लेकर अगली तड़के सुबह 3 बजे तक कई राउंड में प्रताड़ित किया गया.' पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, बेनिक्स को लगी भारी चोटों से उसकी मौत हो गई थी. पुलिसवालों ने बेनिक्स से ही उसके कपड़े से स्टेशन में फैले खून को पुंछवाया था. सीबीआई ने यह भी कहा है कि पुलिसवालों ने अपना अपराध छिपाने के लिए बेनिक्स और जयराज के खिलाफ एक झूठी एफआईआर भी दर्ज कराई थी. जांच में यह सामने आया है कि पिता-पुत्र ने लॉकडाउन गाइडलाइंस के नियमों का उल्लंघन नहीं किया था.
चार्जशीट में बताया गया है कि पुलिस ने घटना के सभी सबूत मिटा दिए थे और खून से सने कपड़ों को एक सरकारी अस्पताल के कूड़ेदान में डाल दिया गया था. फोरेंसिक टीम के मुताबिक, पुलिस ने दोनों को लाठियों से पीटा था और उनका खून शाकुंतलम पुलिस स्टेशन की दीवारों पर फैला हुआ था. सीबीआई ने कहा, 'यह तथ्य कि बेनिक्स और जयराज को 19 जून, 2020 और 19-20 जून की दरम्यानी रात में आरोपी पुलिस अधिकारियों ने बुरी तरह से शारीरिक प्रताड़ना दिया था, साबित हुआ है.'