
आरोपी आकाश बर्त्तारिया.
फ़र्ज़ी दस्तावेजों के जरिये 23 करोड़ का लोन देने के मामले में एक फाइनेंस कंपनी के 2 अधिकारियों समेत 3 लोगों को दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है. इस मामले में 2 आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं. आर्थिक अपराध शाखा के जॉइंट कमिश्नर ओपी मिश्रा के मुताबिक नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी हिंदुजा लेलैंड फाइनेंस लिमिटेड की तरफ से एक शिकायत मिली थी जिसमें कहा गया था कि एक डायरेक्ट सेलिंग एजेंट अमृत मान,कंपनी के सेल्स मैनेजर नीलांजन मजूमदार और रीजनल मैनेजर नितेश कुमार पर ये जिम्मेदारी थी कि वो प्रोपेर्टी के लिए लोन लेने वाले सही लोगों को लोन दें.
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डीएसए अमृत मान एक फंडविज़ नाम से सेल्स कंपनी भी चलाता था जो लोन लेने वालों लोगों का कंपनी के सेल्स मैनेजर नीलांजन मजूमदार से संपर्क करवाती थी और लोन के प्रपोजल भेजती थी. इनके जरिए करीब 23 करोड़ के 6 लोन दिए गए लेकिन लोन देने वालों ने किस्तें भरना बन्द कर दिया. जब कंपनी ने इन लोन लेने वालों का वेरिफिकेशन किया तो पता चला कि जिन्हें लोन दिया गया है उनके पते समेत सारे दस्तावेज फ़र्ज़ी हैं.
इसे लेकर आर्थिक अपराध शाखा ने 2019 में केस दर्ज किया था और जांच में प्रोपेर्टी में सभी दस्तावेज फ़र्ज़ी निकले,पुलिस के मुताबिक ये ठगी करने वालों का बड़ा गिरोह है जिसमें लोन लेने वालों के साथ फाइनेंस कंपनी के कई लोग मिले हुए थे. पुलिस ने रीजनल मैनेजर नितेश कुमार, एक आरोपी आकाश बर्त्तारिया और एक महिला को गिरफ्तार किया है. आकाश का भाई अमृत बर्त्तारिया पहले ही गिरफ़्तार हो चुका है,जो महिला गिरफ्तार हुई है वो मास्टरमाइंड अमृत मान की पत्नी है.