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सरकार ने आज कहा कि उसने प्याज की कीमतें कम करने और देश भर में इसकी पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए हैं। नई दिल्ली में संवाददाताओं को जानकारी देते हुए उपभोक्ता मामलों की सचिव लीला नंदन ने कहा कि आज से 31 दिसम्बर तक व्यापारियों के लिए प्याज के भंडारण की सीमा तय कर दी गई है।
थोक विक्रेता 25 मीट्रिक टन प्याज का भंडारण कर सकते है जबकि खुदरा व्यापारियों को दो मीट्रिक टन का भंडार रखने की इजाजत होगी। बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने पिछले महीने की 14 तारीख को प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी, ताकि खरीफ मौसम में नया प्याज आने तक घरेलू उपभोक्ताओं को इसकी उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके
उन्होंने कहा कि प्याज की खुदरा कीमतों में कुछ नर्मी दिखाई दी थी लेकिन महाराष्ट्र, कर्नाटक, आंध्र-प्रदेश और मध्य-प्रदेश के प्याज उगाने वाले जि़लों में हाल की भारी वर्षा से खरीफ की फसल के खराब होने की आशंकाओं के कारण कीमतों में बढ़ोतरी दिखाई दी है। उन्होंने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए सरकार ने रबी मौसम के एक लाख मीट्रिक टन के सुरक्षित भंडार में से प्याज उपलब्ध कराने के लिए कदम उठाए हैं।
उन्होंने बताया कि सुरक्षित भंडार से सितम्बर के दूसरे पखवाड़े से प्याज की आपूर्ति शुरू हो गई थी और यह कार्य सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। बड़ी मंडियों के अलावा केंद्रीय भंडारों, सफल, राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता परिसंघ–एनसीसीएफ, नाफेड और राज्य सरकारों के सहकारी संगठनों के माध्यम से भी प्याज की आपूर्ति बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं।
खाद्य सचिव सुधांशु पांडे ने बताया कि खुले बाजार में प्याज की बिक्री की जा रही है और कीमतें कम करने के लिए इसकी आपूर्ति बढ़ाई जाएगी। खरीफ के मौसम में 37 लाख मीट्रिक टन प्याज के मंडियों में पहुंचने की संभावना है जिससे इसकी उपलब्धता में सुधार होगा।
सरकार ने प्याज का आयात बढा़ने के लिए भी कदम उठाए हैं। भारतीय दूतावासों को आयात बढ़ाने के लिए व्यापारियों से सम्पर्क बनाने को कहा गया है। इस तरह के आयातित प्याज को भारतीय बंदरगाहों में पहुंचने पर फ्यूमिगेशन के जरिए जीवाणु मुक्त करने के बाद ही बिक्री के लिए जारी किया जाएगा।
सरकार ने मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए एमएमटीसी के माध्यम से प्याज के आयात का भी फैसला किया है। उपभोक्ता मामलों की सचिव ने यह भी बताया कि प्याज की जमाखोरी और कालाबाजारी रोकने के लिए कानून के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।