Reverse Psychology: क्या है रिवर्स साइकोलॉजी और कैसे काम करती है

रिवर्स साइकोलॉजी (Reverse psychology), जिसे हिंदी में विपरीत मानसिकता कहा जाता है, एक ऐसी धारणा है जिसमें कोई व्यक्ति उसे कही गई बात का ठीक उलट करता है. मतलब जो बात उसे कही गई, वह उसका एकदम अपॉजिट यानी विपरीत करता है. तो चलिए जानते हैं क्या है रिवर्स साइकोलॉजी.

Reverse Psychology: क्या है रिवर्स साइकोलॉजी और कैसे काम करती है

Reverse psychology: रिवर्स साइकोलॉजी में व्यक्ति वही करना चाहता है जो उसे न करन के लिए कहा गया हो.

खास बातें

  • जानें क्या हो सकते हैं रिवर्स साइकोलॉजी के कारण.
  • रिवर्स साइकोलॉजी में व्यक्ति वही करता है जो उसे न करने के लिए कहा गया हो.
  • परवरिश के दौरान रिवर्स साइकोलॉजी.

What Is Reverse Psychology: रिवर्स साइकोलॉजी (Reverse psychology), जिसे हिंदी में विपरीत मानसिकता कहा जाता है, एक ऐसी धारणा है जिसमें कोई व्यक्ति उसे कही गई बात का ठीक उलट करता है. मतलब जो बात उसे कही गई, वह उसका एकदम अपॉजिट यानी विपरीत करता है. तो चलिए जानते हैं क्या है रिवर्स साइकोलॉजी. कई वैज्ञानिकों ने इसे 'रणनीतिक स्व-प्रतिरक्षण' या स्टेटर्जिक सेल्फ एंटी कन्फॉमिटी (strategic self-anti conformity) के तौर पर देखा, जिसका मतलब यह है कि आप जानबूझकर वह काम करना चाहते हैं जोकि आपकी इच्छा के एकदम उलट हों. क्या होता है, जब कोई आपसे कहता है कि आप कुछ न बोलें? ऐसे में क्या आप वही बातें कह देना चाहते हैं. ठीक इसी तरह अगर एक बच्चे को 5 खिलौने दिए गए हैं और उनमें से एक वापस ले लिया जाए, तो वह बच्चा उस एक खिलौने को लेने के लिए ही उतावला हो उठाता है. यह रिवर्स साइकोलॉजी का एग्जाम्पल यानी उदाहरण हो सकता है. असल में रिवर्स साइकोलॉजी में व्यक्ति वही करना चाहता है जो उसे न करने के लिए कहा गया हो. तो चलिए अब जानते हैं कि ऐसा क्यों होता है (What Is Reverse Psychology)?

क्या हो सकते हैं रिवर्स साइकोलॉजी के कारण -

  • आपके मन में और पाने की इच्छा है. 
  • आप वर्जित यानी अपनी बात कह पाने से रोका हुआ महसूस करते हैं
  • आप दूसरों को अपनी अहमियत बताना चाहते हैं.

परवरिश के दौरान रिवर्स साइकोलॉजी 

किसी भी परिजन के लिए उनके बच्चे के वयस्क होने तक का सफर बहुत मुश्किल होता है. इस दौरान आपको अपने बच्चे को बेहतर परवरिश देनी होती है. उनका शरीरिक विकास जितना महत्व रखता है उतना ही मानसिक विकास भी अहम है. इसलिए अपने बच्चे के मानिसक रुझानों पर ध्यान रखें. उसे मानसिक तौर पर समझने की कोशिश करें. हो सकता है क आपका बच्चा रिवर्स साइकोलॉजी से जूझ रहा हो. ऐसा तब देखा जा सकता है जब आपका बच्चा सब्जियां न खाना चाह रहा हो और आप उन पर सब्जियां खाने का दबाव बना रहे हों यह कहकर की वे उनकी सेहत के लिए अच्छी हैं. तो उनको जबरन खिलाने के बजाए उनके सामने खुद खाएं और उनके लिए उदाहरण बनें. आप किस तरह बच्चों तक अपनी बात पहुंचा रहे हैं और उन्हें कैसे समझा रहे हैं यह उनकी मानसिकता पर काफी प्रभाव डालता है.

रिश्तों में रिवर्स साइकोलॉजी (Reverse psychology in relationships)

रिश्ते में चालाकी करना या सही गलत पर बातें करते रहना रिवर्स साइकोलॉजी से जरा अलग है. इस तरह के बर्ताव का आपके रिश्ते पर प्रभाव किस हद तक होगा यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपका रिश्ता कैसा है. यह पूरी तरह से इस बात पर निर्भर करता है कि आप दोनों का व्यक्तित्व कैसा है आप एक दूसरे के साथ किस तरह मिलकर चलना चहाते हैं. रिश्तों में इसे कंट्रोल करने के लिए यह नियम काम कर सकता है कि जब एक को गुस्सा आया हो तो दूसरा शांत रहे और स्थिति को संभाल ले. 

रिवर्स मनोविज्ञान या रिवर्स साइकोलॉजी को कहां अपनाने की जरूरत हो सकती है या अलग-अलग तकनीक 

1. फुट इन दी डोर (अनुपालन तकनीक)

यह तकनीक बहुत ही आसान है. इसमें आपको बहुत ही छोटा सा आग्रह करना है. आग्रह कर आप किसी को भी रिवर्स साइकोलॉजी में जाने से पहले उन्हें उनका कम्फर्ट ज़ोन दे सकते हैं. यह दूसरे व्यक्ति के लिए अनुपालन तकनीक के तौर पर काम करेगी. इसे फूट इन दी डोर तकनीक कहा जाता है.

2. डोर इन दी फेस तकनीक-

यह एक और तकनीक है जिसमें पहले तकनीक के दौरान अंतर्विरोध होने पर इस्तेमाल किया जा सकता है. इस तकनीक का इस्तेमाल शुरुआत से किया जा सकता है, जब एक व्यक्ति से दूसरा आग्रह कर सकता है और दूसरा उसे ग्रहण कर लेता है. इस तरह आग्रह करने पर दूसरे को कृतज्ञ महसूस होता है. 

रिवर्स साइकोलॉजी को सभी के लिए सामान्यीकृत नहीं किया जा सकता है, लेकिन यह उन लोगों के लिए पूरी तरह से काम कर सकता है, जो स्वभाव से विद्रोही और विरोधी हैं. जब इसे गैर-लचीला प्रकृति वाले लोगों पर आज़माया जाता है, तो यह बिना किसी मदद के हो सकता है. 

अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करता है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. NDTV इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.

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