
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर.
टोयोटा मोटर्स (Toyota Motors) की भारतीय इकाई ने अधिक टैक्स लगाए जाने के कारण देश में कंपनी का विस्तार रोकने का इरादा बदल दिया है. सरकार ने भी इसे बड़ी ऑटो कंपनी को लेकर कुछ इसी तरह की बात कही है. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर (Prakash Javadekar) ने मंगलवार को ट्वीट किया कि टोयोटा अगले साल देश में 2000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करेगी. इसकी पुष्टि टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के उपाध्यक्ष विक्रम किर्लोस्कर (Vikram Kirloskar) ने भी की है. उन्होंने कहा कि कंपनी "भारत के भविष्य के लिए प्रतिबद्ध" है.
केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट किया है कि, ''टोयोटा कंपनी के भारत में निवेश बंद करने की बात गलत है. विक्रम किर्लोस्कर ने साफ कया है कि अगले 12 महीनों में टोयोटा 2000 करोड़ से अधिक का निवेश करेगी."
यह समाचार ग़लत है कि टोयोटा कम्पनी भारत में निवेश करना बंद करेगी । @vikramkirloskar ने स्पष्ट किया है कि टोयोटा आगामी 12 महीनों में 2000 करोड़ रुपए से ज़्यादा का निवेश करेगी । @PIBHindi
— Prakash Javadekar (@PrakashJavdekar) September 15, 2020
Absolutely! We are investing 2000+ crs in electric components and technology for the domestic customer and export. We are committed to the future of India and will continue to put all effort in society, environment, skilling and technology.
— Vikram Kirloskar (@vikramkirloskar) September 15, 2020
मंगलवार को ही इससे पहले एक इंटरव्यू में टोयोटा की स्थानीय इकाई, टोयोटा किर्लोस्कर मोटर के वाइस चेयरमैन शेखर विश्वनाथन ने कहा कि देश में अधिक टैक्स लगने से कारें अधिकांश उपभोक्ताओं की पहुंच के बाहर हो गई हैं. इसका मतलब है कि कारखानों में काम नहीं हैं और नौकरियां पैदा नहीं हो रही हैं.
विश्वनाथन ने कहा कि "हमें जो संदेश मिला उसके बाद हम यहां आए हैं और निवेश किया है, क्या हम आपको नहीं चाहते हैं." उन्होंने कहा कि किसी भी सुधार के अभाव में "हम भारत से बाहर नहीं जाएंगे, लेकिन हम काम बड़े पैमाने पर नहीं करेंगे."
बाद में शाम को काफी ध्यान से लिखे गए एक बयान में टोयोटा ने कहा कि उसे देश में पैदा होने वाली नौकरियों की रक्षा करने की जरूरत है और वह मौजूदा परिचालन को मजबूत करने की दिशा में काम करना पसंद करेगी.
बयान में कहा गया है कि "भारत में अपने दो दशकों के ऑपरेशंस के दौरान, हमने एक मजबूत प्रतिस्पर्धी स्थानीय आपूर्तिकर्ता इको-सिस्टम का निर्माण करने और सक्षम मानव संसाधन को विकसित करने के लिए अथक परिश्रम किया है. हमारा पहला कदम यह है कि हमने जो भी बनाया है उसकी पूरी क्षमता का उपयोग सुनिश्चित किया जाए, और इसमें समय लगेगा."
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इस बयान में देश में उच्च कर व्यवस्था की ओर भी इशारा किया गया है. कहा गया है कि अर्थव्यवस्था में कोरोना वायरस के चलते मंदी के कारण ऑटो उद्योग सरकार से व्यवहारिक कर ढांचे के माध्यम से इसको बनाए रखने के लिए समर्थन देने का अनुरोध कर रहा है.
बयान में कहा गया है कि "हम सरकार द्वारा अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों का समर्थन करने के लिए किए जा रहे मजबूत सक्रिय प्रयासों को जानते हैं और इस तथ्य की सराहना करते हैं कि मौजूदा चुनौतीपूर्ण राजस्व स्थिति के बावजूद इस मुद्दे पर परीक्षण के लिए रास्ता खुला है."
कोरोना वायरस महामारी शुरू होने से पहले ही आर्थिक मंदी का असर ऑटो उद्योग पर दिखने लगा था. हालांकि अब एक प्रमुख ऑटो-निर्माता के अपना विस्तार रोकने के निर्णय से सरकार के उद्योगों को समर्थन के प्रयास नाकाफी साबित होने की संभावना बन गई है.
पिछले कुछ महीनों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार मेक इन इंडिया के तहत निवेशकों को बेहतर कारोबारी माहौल देने के सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए विदेशी निवेश बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं. सरकार के प्रयासों की ओर इशारा करते हुए टोयोटा ने बयान में कहा है कि, साझा प्रौद्योगिकी और बेस्ट प्रेक्टिस पर भारत में सुजुकी के साथ हमारी हालिया साझेदारी मेक इन इंडिया की पहल और भारत सरकार की नीति के समर्थन में है. इसमें दोनों कंपनियों का प्रतिस्पर्धा को बढ़ाने का लक्ष्य है.