
एलएसी पर तनाव को लेकर राजनाथ सिंह की मॉस्को में चीन के रक्षा मंत्री से मुलाकात भी हो चुकी है
खास बातें
- एलएसी पर हालात बने हुए हैं तनावपूर्ण
- सरहद पर लगातार उकसाने वाली कार्यवाही कर रहा चीन
- जून माह में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हो चुका है हिंसक संघर्ष
India-China Standoff: भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी (LAC) पर इस वर्ष के प्रारंभ से तनाव की स्थिति है. दोनों देशों के बीच इस तनाव के हालात और सरहद पर चीन के उकसाने वाले कदमों को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) आज यानी मंगलवार को लोकसभा में बयान दे सकते हैं. कोरोना की महामारी के बीच संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से ही प्रारंभ हुआ है. गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव अपने चरम पर है. हाल ही में दोनों देशों ने एक-दूसरे पर टकराव के दौरान हवा में गोलियां चलाने का आरोप लगाया था. LAC पर 45 साल बाद ऐसा हुआ है जब किसी भी पक्ष की तरफ से गोलियां चलाई गईं हों.
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भारतीय थल सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने पैंगोंग झील के दक्षिणी तट के करीब सात सितंबर की शाम भारतीय मोर्चे के नजदीक आने की कोशिश की और हवा में गोलियां भी चलाईं. इससे पहले PLA ने आरोप लगाया था कि भारतीय सैनिकों ने LAC पार की और पैंगोंग झील के पास वॉर्निंग फायर किए. पिछले हफ्ते विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सीमा के हालातों को बेहद गंभीर बताते हुए कहा था कि राजनीतिक स्तर पर बहुत गहन विचार विमर्श की जरूरत है.
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बताते चलें कि पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून माह में हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों के शहीद होने के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव काफी बढ़ गया था. चीनी जवान भी हताहत हुए लेकिन पड़ोसी देश ने उनका ब्योरा नहीं दिया. तनाव के इस माहौल में दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों और विदेश मंत्रियों के बीच रूस के मॉस्को में बातचीत हो चुकी है. इस बातचीत के दौरान मुख्यत: एलएसी के आसपास तनाव कम करने पर जोर दिया गया.
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